रविवार, 14 अगस्त, 2005 को 16:47 GMT तक के समाचार
भारत के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि भारत को अगले 25 साल में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने को अपनी पहली प्राथमिकता बनाना चाहिए.
भारत के 59वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने ये विचार व्यक्त किए.
उनका कहना था कि भारत को नई परमाणु ऊर्जा नीति तय करनी चाहिए और एक साल के भीतर समग्र ऊर्जा नीति बनानी चाहिए ताकि अगले 25 साल में भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाए.
राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने कहा था कि "फ़ॉसिल फ़्यूल" (यानी कोयला, तेल और गैस जैसे ईंधनों) का इस्तेमाल घटाना और इसकी लगातार सप्लाई सुनिश्चित करना ज़रूरी है.
उनका कहना था कि भारत में दुनिया की 17 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है लेकिन उसके पास दुनिया के केवल 0.8 प्रतिशत "फ़ॉसिल फ़्यूल" के भंडार हैं.
उनका कहा था कि जल विद्युत और परमाणु ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल होना चाहिए.
राष्ट्रपति कलाम ने कहा, "ऊर्जा क्षेत्र में कुछ हद तक आत्मनिर्भरता के लिए भी हमारे देश को परमाणु ऊर्जा का उत्पादन दस गुना बढ़ाना होगा. इसके लिए थोरियम के इस्तेमाल से परमाणु ऊर्जा बनानी होगी क्योंकि थोरियम भारत में काफ़ी पाया जाता है."
'नदियों को जोड़ें'
राष्ट्रपति कलाम ने हाल में पश्चिमी महाराष्ट्र में बारिस और बाढ़ से हुई तबाही पर चिंता जताई.
उनका कहना था कि नदियों को जोड़ने की प्रस्तावित योजना से देश को बाढ़ और सूखे के चक्कर से मुक्ति मिल सकती है.
उनका कहना था कि इस योजना को प्राथमिकता बनाकर इस पर काम होना चाहिए.