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'तेल व्यापार में निवेश करेगा रिलायंस' | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के औद्योगिक समूह रिलायंस ने घोषणा की है कि वो गुजरात राज्य में क़रीब छह अरब डॉलर की लागत से तेल रिफ़ाइनरी का विस्तार करेगा. रिलायंस के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि जामनगर रिफ़ाइनरी की क्षमता दोगुनी कर 60 मीट्रिक टन कर दी जाएगी. क्षमता बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाज़ार का रूख करना है.इस घोषणा के बाद शेयरों में भी ख़ासा उछाल देखा गया है. इस पूरी योजना में तीन साल का वक़्त लगेगा जिसके बाद जामनगर एक ही जगह पर बनी अपनी तरह की सबसे बड़ी रिफ़ाइनरी होगी. कंपनी की सालाना बैठक में मुकेश अंबानी ने कहा,"बेहतरीन पेट्रोलियम रिफ़ाइनरी, रिटेल व्यापार और तेल संसाधन होने के चलते हम दुनिया की बड़ी हाइड्रोकार्बन शक्ति बनना चाहते हैं." उन्होंने ये भी कहा कि रिलायंस तेल निकालने की योजना पर भी काम कर रही है. तेल उत्पादन मुकेश अंबानी ने बताया कि तेल उत्पादन और तेल निकालने का व्यापार रिलायंस के लिए काफी अहम है. जून में अंबानी भाईयों के बीच हुए समझौते के तहत अनिल अंबानी को रिलायंस एनर्जी, रिलायंस कैपिटल और रिलायंस इंफ़ोकॉम का दायित्व सौंपा गया है. वहीं मुकेश अंबानी के हिस्से में तेलशोधन कंपनी रिलायंस समूह और पेट्रोकेमिकल कंपनी आईपीसीएल आई है. रियालंस की नींव 46 साल पहले धीरूभाई अंबानी ने रखी थी जिनका गिनती देश के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों में होती है. 2002 में उनकी मौत के बाद अंबानी भाईयों के बीच रिलायंस समूह के मालिक़ाना हक़ को लेकर विवाद शुरू हो गया था. |
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