शुक्रवार, 15 जुलाई, 2005 को 01:23 GMT तक के समाचार
श्रीलंका की राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंग ने देश के पूर्वोत्तर हिस्से में शांति की अपील की है. पिछले तीन दिनों में हिंसा की कई घटनाओं के कारण वहाँ काफ़ी तनाव है.
राष्ट्रपति कुमारतुंग ने आठ बम हमलों और दो गोलीबारी की घटनाओं के लिए एलटीटीई को ज़िम्मेदार ठहराया है.
लेकिन एलटीटीई ने सरकारी सेना पर पलटवार करते हुए कहा है कि रविवार को सेना के हमले में उसके तीन सदस्य और एक समर्थक की मौत हो गई.
गुरुवार को त्रिंकोमाली के निकट सैनिकों ने एलटीटीई के एक संदिग्ध सदस्य को गोली मार दी. अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा है कि संघर्ष विराम पर ख़तरा मँडरा रहा है.
कोलंबो से बीबीसी संवाददाता दमित्रा लूथरा ने कहा है कि पिछले साल मार्च में एलटीटीई में विभाजन के बाद से ही देश के पूर्वी हिस्से में लड़ाई चल रही है.
आरोप
एलटीटीई का कहना है कि सरकार बाग़ी गुट को समर्थन दे रही है लेकिन सरकार इससे इनकार करती है. बीबीसी संवाददाता का कहना है कि पिछले साल से चल रहा छिटपुट संघर्ष अब बढ़ गया है और इससे संघर्ष विराम पर संकट आ सकता है.
पिछले दो हफ़्ते के दौरान श्रीलंका के पाँच सुरक्षाकर्मी और एलटीटीई के चार सदस्य मारे गए हैं. एलटीटीई ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सरकारी क्षेत्रों से अपने सभी राजनीतिक अधिकारियों को वापस बुला लिया है.
एलटीटीई ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि सरकार अपने नियंत्रित इलाक़ों में उसके अधिकारियों की सुरक्षा की गारंटी दे और इसके लिए क़दम उठाए.
हालाँकि एलटीटीई का ये अल्टीमेटम गुरुवार रात को ख़त्म हो गया. एलटीटीई का ये कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसके हथियारबंद गार्ड अधिकारियों की सुरक्षा करेंगे, जो सीधे संघर्ष विराम का उल्लंघन होगा.
वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों का कहना है कि ताज़ा स्थिति से यह ख़तरा बढ़ गया है कि कहीं सब कुछ नियंत्रण से बाहर न हो जाए.