बुधवार, 13 जुलाई, 2005 को 09:36 GMT तक के समाचार
ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइप लाइन के लिए भारत और पाकिस्तान संयुक्त कार्यदल की दो दिनों की बैठक समाप्त हो गई है.
दोनों पक्षों ने बातचीत को सकारात्मक बताया है.
इस बैठक में पाइप लाइन के तकनीकी, आर्थिक, व्यावसायिक और क़ानूनी मुद्दों पर बात हुई है.
इस बैठक में भारत की ओर से पेट्रोलियम सचिव एससी त्रिपाठी ने और पाकिस्तान की ओर से वहाँ के पेट्रोलियम सचिव अहमद वक़ार ने प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया.
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने गैस पाइप लाइन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है.
इस बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने पाइप की साइज़, उसमें आने वाली गैस की मात्रा, पाइप लाइन के मार्ग और आपूर्ति के स्थानों के बारे में चर्चा की.
मंगलवार और बुधवार को हुई इस बैठक में गैस की क़ीमतों के बारे में भी चर्चा हुई है.
दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति हुई है कि 2006 तक सभी दस्तावेज़ तैयार कर लिए जाएँ. इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दों पर सहमति बन जाए तो फिर दोनों ईरान के साथ फ़्रेमवर्क एग्रीमेंट करेंगे.
इस बीच दोनों देश एक आर्थिक सलाहकार संघ के जल्दी से जल्दी गठन की भी ज़रुरत पर भी बल दिया गया.
इस परियोजना के अलावा कार्यदल ने तुर्कमेनिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान और गल्फ़-साउथ एशिया पाइप लाइन परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई.
कार्यदल की अगली बैठक अगस्त में इस्लामाबाद में होगी.
परियोजना
ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन की कुल लंबाई 2600 किलोमीटर की है जिसमें से 760 किलोमीटर पाकिस्तान से होकर गुज़रेगा.
वर्ष 2009-10 तक इस परियोजना के पूरे हो जाने की संभावना है.
परियोजना पूरी हो जाने के बाद इससे 15 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस प्रतिदिन मिलेगी जिसमें से एक तिहाई गैस का उपयोग पाकिस्तान करेगा और शेष का उपयोग भारत करेगा.
पाकिस्तान के पेट्रोलियम सचिव वकार के अनुसार पाकिस्तान और ईरान के बीच पिछले हफ़्ते एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं जिसमें बाद में भारत को भी शामिल कर लिया जाएगा.