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'आडवाणी ने दुर्बलता का परिचय दिया' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
लालकृष्ण आडवाणी के इस्तीफ़ा वापस लेने पर विश्व हिंदू परिषद ने उनके इस फ़ैसले को आडवाणी की 'राजनीतिक दुर्बलता' कहा है. विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता आचार्य गिरिराज किशोर ने कहा, "उनसे किसी ने इस्तीफ़ा माँगा नहीं, ख़ुद उन्होंने इस्तीफ़ा दिया फिर ख़ुद ही कहते रहे कि उसे वापस नहीं लेंगे, इसका मतलब तो यही हुआ कि उन्होंने हाइ प्रोफ़ाइल ड्रामा किया." गिरिराज किशोर ने कहा कि यह सिद्धांत का प्रश्न था, "उन्होंने जिन्ना को सेक्युलर बताया था, इस पर पार्टी ने उनको अपनी सहमति नहीं दी फिर भी वे पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं तो उनको क्या कहा जाए." उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता राम माधव ने कहा है कि जिन्ना संबंधी लालकृष्ण आडवाणी के बयानों पर भाजपा के स्पष्टीकरण के बाद एक बेवजह विवाद का अंत हो गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रस्ताव में स्पष्ट कर दिया गया है कि जिन्ना देश के विभाजन के लिए ज़िम्मेदार थे और वो धर्मनिरपेक्ष नहीं थे. और यही सही तस्वीर भी है. यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के बीच मनमुटाव को ख़त्म करने के लिए मध्यस्थतता करेगा. राम माधव ने कहा, "यह दोनो ही बड़े संगठन हैं और इनके बीच मध्यस्थतता करने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोई इरादा नहीं है." कांग्रेस भाजपा के नेतृत्व के संकट का जमकर मज़ा लेने वाली कांग्रेस पार्टी की ओर इस मामले पर व्यंग्य भरी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "द ग्रेट इंडियन तमाशा एक अध्याय पूरा हो गया है लेकिन यह ऐसा धारावाहिक है जिसका अगला एपीसोड कभी भी शुरू हो सकता है. देश के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि वे इसे कमर्शियल ब्रेक समझकर इंतज़ार करे." कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में आडवाणी की सत्ता अब पहले जैसी नहीं रही है. सिंघवी ने कहा, "तथाकथित लौह पुरूष एक स्ट्रॉमैन (तिनका पुरूष) बनकर रह गया है." सीपीएम भाजपा के प्रबल विरोधी वामपंथी दल सीपीएम ने भी इस मामले पर दिलचस्प टिप्पणी की है. सीपीएम की पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा, "हमारा मानना है कि यह मामला अभी ख़त्म नहीं हुआ है, जब से सरसंघचालक सुदर्शन जी ने कहा है कि पुराने नेतृत्व को चाहिए कि नए लोगों को कमान सौंपे तब से यह तय हो गया है नेतृत्व में बदलाव होगा." येचुरी कहते हैं, "भारतीय जनता पार्टी आरएसएस का राजनीतिक अंग है, हम नहीं मानते हैं कि यह मामला यहाँ समाप्त हो गया है, यह आगे भी चलेगा. आज नहीं तो कल नेतृत्व में परिवर्तन होगा ही, यह सिलसिला अभी चलेगा." |
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