|
'दंगों में मुसलमानों को निशाना बनाया' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान मुसलमानों को निशाना बनाया था. गुजरात की गुप्तचर सेवा के पूर्व प्रमुख आर बी श्रीकुमार ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट में यह आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पदोन्नति से इसलिए वंचित रखा गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री मोदी, राज्य सरकार और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के 'क़ानून के ख़िलाफ़ और असंवैधानिक निर्देशों' को मानने से इनकार कर दिया था. गुजरात सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है. राज्य के गृहराज्य मंत्री अमित शाह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि श्रीकुमार की टिप्पणियों में कोई दम नहीं है. अमित शाह ने कहा कि श्रीकुमार ने ये आरोप हताशा में लगाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की प्रोन्नति के मामले एक स्वतंत्र संस्था करती है जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी होते हैं. गुजरात सरकार ने यह भी कहा है कि श्रीकुमार ने ये आरोप केंद्र में सरकार बदलने के बाद लगाए हैं. दंगे वर्ष 2002 में जिस समय सांप्रदायिक दंगे हुए थे उस समय श्रीकुमार राज्य की गुप्तचर सेवा के प्रमुख थे. उन्होंने अपनी उस सेवा के दौरान डायरी में लिखी टिप्पणियाँ न्यायाधिकरण को सौंपी हैं. इन टिप्पणियों को इसी सप्ताह सोमवार को न्यायाधिकरण में दाख़िल करने के साथ-साथ श्रीकुमार ने एक याचिका भी दायर की है कि राज्य सरकार ने उन्हें प्रोन्नति से वंचित रखा है. श्रीकुमार के वकील आनंद यागनिक ने बीबीसी को बताया कि न्यायाधिकरण ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं और उनसे नौ मई तक जवाब दाख़िल करने को कहा है. उसके बाद न्यायाधिकरण इस मामले की सुनवाई शुरू करेगा. बीबीसी ने गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में टिप्पणी लेने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण देश भर में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की शिकायतों की सुनवाई और निपटारा करता है. ग़ौरतलब है कि गुजरात में फ़रवरी 2002 में शुरू हुए सांप्रदायिक दंगे कई महीने तक चले थे जिनमें एक हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे उनमें ज़्यादातर मुसलमान थे. अलबत्ता मानवाधिकार संगठन मृतकों की संख्या दो क़रीब हज़ार बताते हैं. नरेंद्र मोदी पर दंगे रोकने के लिए समुचित कार्रवाई नहीं करने के आरोप भी लगाए जाते हैं. डायरी और टिप्पणियाँ श्रीकुमार ने अपनी टिप्पणियों में आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी ने उनसे विपक्षी कांग्रेस के नेता शंकर सिंह वाघेला और एक कैबिनेट मंत्री हीरेन पांड्या के टेलीफ़ोन रिकॉर्ड करने को कहा था.
श्रीकुमार का कहना है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उन्हें संदेश भेजे जिनमें दंगों में शामिल मुस्लिम उग्रपंथियों को मारने के लिए कहा गया था. श्रीकुमार ने अपनी टिप्पणियों में आरोप लगाया है कि उस समय राज्य के पुलिस प्रमुख के चक्रवर्ती ने उनसे मई 2002 में कहा था कि राज्य के सबसे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने "ऐसे मुस्लिम उग्रपंथियों को मारने की बात की है जो अहमदाबाद की सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित कर रहे हैं." जून 2002 में डायरी में दर्ज एक अन्य टिप्पणी में श्रीकुमार लिखते हैं कि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जी सुब्बा राव ने उनसे ऐसे किसी भी व्यक्ति को "मार देने" के लिए कहा जो राज्य में एक हिंदू धार्मिक उत्सव में बाधा पहुँचाने की कोशिश करे. श्रीकुमार ने डायरी में लिखा है, "उन्होंने (सुब्बा राव ने) कहा कि यह मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत विचारपूर्वक किया गया आदेश है." श्रीकुमार दावा करते हैं कि जब उन्होंने सुब्बा राव से कहा कि इस तरह से किसी को 'मारना' ग़ैरक़ानूनी है तो उन्हें जवाब मिला, "इस तरह का फ़ैसला परिस्थितियों की गंभीरता के तर्क पर लिया जा सकता है." मई 2002 में एक और टिप्पणी में श्रीकुमार लिखते हैं कि नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा कि वह मुस्लिम संदिग्ध चरमपंथियों पर अपना ध्यान केंद्रित करें क्योंकि कट्टरपंथी हिंदू कार्यकर्ता "कुछ भी ग़ैरक़ानूनी नहीं कर रहे हैं." श्रीकुमार डायरी में लिखते हैं कि राज्य के अनेक प्रशासनिक अधिकारी इसलिए नाख़ुश थे कि दंगों के बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजी उनकी रिपोर्ट तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के संसद में दिए गए बयान से मेल नहीं खाती थी. श्रीकुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के वकीलों ने सांप्रदायिक दंगों की सुनवाई कर रहे आयोग के सामने पेशी से पहले उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश की थी. |
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||