गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा पर भी विवाद उठ खड़ा हुआ जिसके बाद उनकी यह यात्रा रद्द कर दी गई.
इससे पहले अमरीका ने उन्हें वीज़ा देने से इनकार कर दिया था जिसकी वजह से मोदी न्यूयॉर्क के एक सम्मेलन में भाग लेने नहीं जा सके थे.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा को ख़तरे के बारे में कोई बात नहीं की.
संजय बारू ने कहा, "गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने मोदी को बताया कि वह अपनी निजी यात्रा पर ब्रिटेन जा रहे हैं और ब्रितानी सरकार उनके लिए कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं कर रही है."
संजय बारू ने कहा कि नरेंद्र मोदी को यह बताया गया कि लंदन में उनके ख़िलाफ़ कुछ प्रदर्शनों की योजना है इसलिए गृहमंत्री ने मोदी को सलाह दी कि वह अपनी यात्रा पर फिर से विचार करें.
संजय बारू ने बताया, "इसके बाद नरेंद्र मोदी ने ख़ुद प्रधानमंत्री को फ़ोन किया और उन्हें बताया कि वह ब्रिटेन नहीं जा रहे हैं."
संजय बारू ने कहा, "ब्रितानी सरकार ने साफ़ कहा है कि नरेंद्र मोदी की इस यात्रा को सरकारी यात्रा का दर्जा नहीं दिया जाएगा इसलिए उन्हें कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी."
उधर ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विदेशी लोगों की यात्रा के दौरान सुरक्षा की ज़िम्मेदारी गृहमंत्रालय और मैपोलिटन पुलिस की है.
जबकि मैट्रोपोलिटन पुलिस के प्रेस कार्यालय ने कहा है कि उसकी नीति ये है कि किसी व्यक्ति के सुरक्षा प्रबंधों की जानकारी किसी को नहीं दी जाती है.
हालाँकि मैट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा है कि एक सामान्य नियम ये है कि किसी विदेशी व्यक्ति की स्थिति और हालात के मुताबिक़ जितनी सुरक्षा उचित समझी जाती है, उतनी मुहैया कराई जाती है.
गुजराती दिवस
नरेंद्र मोदी शुक्रवार को ब्रिटेन की यात्रा के लिए रवाना होने वाले थे जहाँ उनको लंदन में गुजराती दिवस के समारोह में भाग लेना था.
गुजरात के अधिकारियों ने कहा था कि नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ टेलीफ़ोन पर बातचीत के बाद अपनी यह यात्रा रद्द की है.
अधिकारियों ने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने गुरूवार को नरेंद्र मोदी को ख़ुद फ़ोन करके सुरक्षा कारणों से यह यात्रा रद्द करने के लिए कहा था.
ख़बरों में कहा गया है कि ब्रिटेन के कुछ मानवाधिकार और ग़ैरसरकारी संगठनों ने नरेंद्र मोदी की इस यात्रा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की घोषणा की थी.
नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा का विरोध करने वाले एक स्वंयसेवी संगठन 'आवाज़' ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की है.
संगठन का कहना है कि मोदी की यात्रा का स्थगित होना उनकी बड़ी जीत है उसके विरोध को देखते हुए ही यह यात्रा रद्द की गई है.
ऐसे आरोप लगाए जाते हैं कि गुजरात में वर्ष 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए नरेंद्र मोदी ने समुचित कार्रवाई नहीं की.
उन दंगों में एक हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे जिनमें ज़्यादातर मुसलमान थे, जबकि मानवाधिकार संगठनों मारे गए लोगों की संख्या दो हज़ार से ज़्यादा बताते हैं.