गुरुवार, 03 मार्च, 2005 को 03:17 GMT तक के समाचार
झारखंड के राज्यपाल सैयद सिब्ते रज़ी के फ़ैसले ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है.
इसके पहले भी राज्यपालों के कई फ़ैसलों ने विवादों को जन्म दिया है.
मार्च, 2005
झारखंड के राज्यपाल सैयद सिब्ते रज़ी ने बहुमत के लिए ज़रूरी विधायक पेश किए जाने के बावजूद एनडीए के बजाए यूपीए नेता शिबू सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया.
फ़रवरी, 2005 -
गोवा के राज्यपाल एस सी जमीर ने मनोहर परिक्कर सरकार को बर्ख़ास्त कर दिया था. परिक्कर ने विवादास्पद तरीके से बहुमत हासिल किया था.
मार्च,2000 -
राज्यपाल वी सी पांडे ने विधानसभा में लालू यादव के सबसे अधिक सीटें जीतने के बावजूद नीतिश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. नीतिश बहुमत नहीं जुटा पाए.
फ़रवरी, 1999-
भाजपा के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार ने क़ानून व्यवस्था संबंधी राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी की रिपोर्ट के आधार पर राबड़ी देवी सरकार को बर्ख़ास्त कर दिया था.
बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. लेकिन केंद्र सरकार इसे संसद की अनुमति ले पाने में असफल रही.
फ़रवरी, 1998-
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के तत्काल बाद बर्ख़ास्त कर दिया था.
अगस्त,1984-
एनटी रामाराव की सरकार को आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रामलाल ने कांग्रेस पार्टी की मांग पर बर्ख़ास्त कर दिया था.
राज्यपाल के फ़ैसले की कड़ी आलोचना होने के बाद एनटी रामाराव को बहाल किया गया.