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देश के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत में लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने सदनों के अध्यक्षों के अधिकारों और न्यायपालिका की भूमिका पर चर्चा के लिए रविवार को देश भर के विधानसभा अध्यक्षों की एक बैठक बुलाई है. झारखंड विधानसभा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने यह बैठक बुलाने का फ़ैसला किया था. उधर भाजपा शासित राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों ने इसमें शामिल न होने का फ़ैसला किया है. हालाँकि लोकसभा उपाध्यक्ष अकाली दल के हैं और अकाली दल एनडीए में शामिल है लेकिन वे इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने झारखंड में शिबू सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विश्वास मत की तारीख़ बदलने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को सख़्त आपत्ति थी और उन्होंने इसे विधायिका के कामकाज में न्यायपालिका की दखलअंदाज़ी कहा था.
लोकसभा अध्यक्ष के इस मत से भारतीय जनता पार्टी सहमत नहीं थी और उसने लोकसभा अध्यक्ष के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी बात कही थी. हालाँकि सत्तारुढ़ गठबंधन यूपीए भी इस मामले में खुलकर लोकसभा अध्यक्ष के साथ नहीं दिख रहा है. ख़बरें हैं कि भाजपा शासित छत्तीसगढ़ और गुजरात के विधानसभा अध्यक्षों ने अपने राज्यों में सत्र चलने की बात कहकर बैठक में आने से असमर्थता जताई है लेकिन मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा अध्यक्षों की ओर से कोई ख़बर नहीं है. |
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