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मंगलवार, 15 मार्च, 2005 को 14:44 GMT तक के समाचार
 
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उच्च स्तरीय बातचीत से समाधान: मुशर्रफ़
 
परवेज़ मुशर्रफ़
राष्ट्रपति मुशर्रफ़ हमेशा से सीधे बातचीत के पक्ष में रहे हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मसलों का समाधान उच्च स्तरीय और सीधी बातचीत से ही संभव है.

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी टेस्ट मैच शृंखला के मैच देखने भारत आ रहे मुशर्रफ़ ने कहा कि भारत यात्रा में वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करना चाहेंगे.

बीबीसी के साथ बातचीत में मुशर्रफ़ ने कहा कि निचले स्तर बातचीत से कुछ नहीं होता क्योंकि दोनों देशों के बीच गंभीर मुद्दे हैं जिनका निपटारा सीधे बातचीत से करना होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या धीरे धीरे बातचीत को आगे बढ़ाने का तरीका सही नहीं है, मुशर्रफ़ ने अपने फ़ौजी लहज़े में कहा " जो हल नहीं चाहते वो ऐसी बात करते हैं कि धीरे धीरे बात हो. ये सब बकवास है. हमें सीधी बातचीत करनी होगी. थोड़ी बहुत सचिव और मंत्री स्तर पर हो फिर सीधी बात हो. "

श्रीनगर और मुज़फ्फराबाद बस सेवा के बारे में राष्ट्रपति का कहना था कि इससे लोगों की ज़िंदगी बेहतर होगी क्योंकि दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा.

उन्होंने कहा " नियंत्रण रेखा को शीशे की दीवार जैसी थी. उसे ख़त्म किया जा रहा है. बस सेवा अच्छी शुरुआत है. मैंने तो पुंछ रावलाकोट और श्रीनगर स्यालकोट के बीच बस सेवा शुरु करने की भी बात कही है. वो इस पर विचार कर रहे हैं. "

मुशर्रफ़ का कहना था कि बस सेवा और लोगों के बीच संपर्क बढ़ने से समाधान खोजने में आसानी होगी.

प्रेक्षकों का कहना है कि मुशर्रफ़ के इस बयान का मतलब यही निकाला जा सकता है कि वो जल्द से जल्द मुद्दे का समाधान चाहते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के संपादक शेखर गुप्ता कहते हैं कि ये महज़ मुशर्रफ़ का फौजी तरीका है अपनी बात कहने का कि सीधी बातचीत हो.

गुप्ता कहते हैं कि इस बयान के गूढ़ार्थ नहीं निकालने चाहिए कि मुशर्रफ़ सचिवों या मंत्रियों पर भरोसा नहीं करते. ये मुशर्रफ़ की स्टाइल है कि वो मुद्दों को सीधे सुलझाने में विश्वास रखते हैं.

मुशर्रफ़ का कहना था कि बातचीत में ख़ासी प्रगति नहीं हुई है जिससे वो थोड़ी हताशा महसूस करते हैं लेकिन पचास वर्षों में पहली बार विभाजित कश्मीर के बीच बस सेवा की शुरुआत से उन्हें उम्मीद बंधी है.

राष्ट्रपति मुशर्रफ़ का कहना था कि जब वे मैच देखने भारत जाएँगे तो भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करेंगे.

हालांकि इस यात्रा की तारीख़ अभी निर्धारित नहीं की गई है.

 
 
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