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मुशर्रफ़ के अंदाज़ में मुशर्रफ़ को जानिए | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
फौजी मुशर्रफ़, राजनेता मुशर्रफ़, पारिवारिक व्यक्ति के रूप में मुशर्रफ़, विचारक के रूप में मुशर्रफ़, जनसेवक मुशर्रफ़... व्यक्ति एक, पद दो और रूप अनेक. काफ़ी पेशेवर अंदाज़ में कलर कॉन्ट्रास्ट को ध्यान में रखकर लगाई गई पाकिस्तानी राष्ट्रपति की चुनिंदा तस्वीरों, भाषणों और लेखों के अलावा काफ़ी कुछ है एक ताज़ा सरकारी वेबसाइट पर. गुरुवार को राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने ख़ुद अपनी आधिकारिक वेबसाइट के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी. उनकी आधिकारिक वेबसाइट है-http://www.presidentofpakistan.gov.pk/ राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के गुणगान से भरपूर इस वेबसाइट में आपको कुछ रोचक तथ्य मिलेंगे तो कई महत्वपूर्ण और विवादों मसलों पर राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के विचार भी. लेकिन इस वेबसाइट में बात इतनी ही नहीं है. वेबसाइट पर राष्ट्रपति मुशर्रफ़ की कई चमकती हुई तस्वीरें हैं जिन्हें आप डाउनलोड भी कर सकते हैं. राष्ट्रपति के कई प्रेस काँफ़्रेंस और महत्वपूर्ण अवसर का वीडियो और ऑडियो क्लिप भी मौजूद है और साथ में है देश और दुनिया को लेकर मुशर्रफ़ साहब के विचार. यानी तकनीक के युग में क़दम से क़दम मिलाते हुए प्रचार-प्रसार का अनोखा तरीक़ा. राष्ट्रपति की क़लम से यूजर फ़्रेंडली यानी इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की सुविधा का ख़्याल रखते हुए बनाई गई इस वेबसाइट में राष्ट्रपति ने भी अपने क़लम का जादू दिखाया है. 'राष्ट्रपति की मेज़ से' में मुशर्रफ़ ख़ुद लिखते हैं कि उनके ख़िलाफ़ दो बार अनुशासनहीनता की कार्रवाई शुरू हुई थी. लेकिन कोर्ट मार्शल शुरू होने के साथ ही भारत के साथ लड़ाई शुरू हो गई. और भारत के साथ युद्ध का लाभ पाकिस्तान को भले ही न मिला हो मुशर्रफ़ साहब को ज़रूर मिला. मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ शुरू हुआ कोर्ट मार्शल न सिर्फ़ रुक गया बल्कि युद्ध के दौरान उन्हें 'बहादुरी का इनाम' मिला और वे कोर्ट मार्शल से बच गए. अपने ऊपर किए गए कई हमलों का ज़िक्र करते हुए राष्ट्रपति मुशर्रफ़ लिखते हैं कि उनका नाम तो गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कर दिया जाना चाहिए. मुशर्रफ़ नेपोलियन के बयान का हवाला देते हुए कहते हैं, "नेपोलियन ने कहा था कि सभी गुणों के बावजूद एक नेता के सफल होने के लिए उसका भाग्यशाली होना ज़रूरी है. इतने हमलों के बावजूद मैं भाग्यशाली हूँ कि मैं ज़िंदा हूँ और इस कारण मैं सफल भी रहूँगा." राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने बताया है कि देश की सैनिक व्यवस्था में उनका कितना योगदान रहा है. पाकिस्तान की सत्ता हथियाने के लिए बग़ावत करने की बात से मुशर्रफ़ इनकार करते हैं और लिखते हैं कि वह बग़ावत नहीं बल्कि उन्हें हटाने की कोशिश को नाकाम करने की क़वायद थी. मुशर्रफ़ ने 11 सितंबर की घटना के बाद देश की अंदरुनी राजनीति में पैदा हुई चुनौती का ज़िक्र किया है तो यह भी बताया है कि वे लोकतंत्र के तगड़े समर्थक हैं. मुशर्रफ़ ने भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते में उतार-चढ़ाव का ज़िक्र किया है और यह भी बताने की कोशिश की है कि उन्होंने कई बार भारत को झुकाया है और कश्मीर की सच्चाई बयान की है. राष्ट्रपति उवाच! वेबसाइट में राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के कई बयान भी मौजूद हैं- कई महत्वपूर्ण विषयों पर तो कई विवादित विषयों पर भी.
नवाज़ शरीफ़ का तख़्तापलट करने और सत्ता हथियाने के 10 दिनों बाद अपने बयान में मुशर्रफ़ ने क्या कहा था- आप भी पढ़िए. उन्होंने कहा था, "मैं घबराता नहीं हूँ. मैं डरता भी नहीं हूँ. मैंने कई बार मौत को क़रीब से देखा है. पिछली बार 12 अक्तूबर 1999 को मैं अपनी मौत से सिर्फ़ सात मिनट दूर था. मैं सिर्फ़ अल्लाह से डरता हूँ क्योंकि उनकी बदौलत ही मैं यहाँ तक पहुँचा हूँ. अल्लाह ने मुझे देश के नेतृत्व के लिए चुना है और वे ही मेरी रक्षा भी करेंगे." वेबसाइट के इस हिस्से में आपको मुशर्रफ़ की कई उक्तियाँ मिलेंगी जो उन्होंने गाहे-बगाहे दी है. कुछ आपको चौकाएँगे तो कुछ ये भी बताएँगे कि राजनेताओं की बयान बदलने की आदत किस हद तक होती है. इसी हिस्से में अल क़ायदा के बारे में मुशर्रफ़ कहते हैं, "मैंने उनसे(अल क़ायदा) से कह दिया है कि हम आपको पाकिस्तान में नहीं चाहते आप नष्ट कर दिए जाएँगे. या तो आप आत्मसमर्पण कर दें या आप नष्ट कर दिए जाएँगे." अब कश्मीर विवाद पर भी मुशर्रफ़ की राय पढ़ लीजिए. मुशर्रफ़ कहते हैं, "कश्मीर में जो हो रहा है या भारत सरकार जिसे आतंकवाद कहती है, उसमें संबंध है. हमें इसका पूरा पक्ष समझना होगा. इस विवाद में एक कारण है और उसका प्रभाव भी है. अगर हम सिर्फ़ प्रभाव की चर्चा करते रहेंगे और कारण को छोड़ देंगे तो कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा." और भी बहुत कुछ है राष्ट्रपति मुशर्रफ़ की जीवनी और उनके गुणगान के अलावा बहुत कुछ ऐसा भी है जो आपको रोचक लगेगा और आप इसमें हिस्सा भी ले सकते हैं. मसलन, अगर आप राष्ट्रपति मुशर्रफ़ का हर दिन का कार्यक्रम जानना चाहते हैं तो उसके बारे में भी जानकारी उपलब्ध हैं. साथ में विशेषज्ञों की राय भी मौजूद है और उसमें आपके सवालों का स्वागत भी है और अगर सीधे आप राष्ट्रपति को लिखना चाहते हैं तो भी आपके पास अवसर है. और तो और राष्ट्रपति आपके सवालों का जवाब भी देंगे. कई टीवी कार्यक्रमों का विवरण भी दिया गया है तो कई महत्वपूर्ण सवालों पर आपकी राय भी पूछी जा रही है. तो साहब भले ही आप राष्ट्रपति मुशर्रफ़ से इत्तिफ़ाक रखे या न रखें आपके लिए इस वेबसाइट पर कई रोचक जानकारियाँ मौजूद हैं. |
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