बुधवार, 12 जनवरी, 2005 को 21:20 GMT तक के समाचार
मुकेश शर्मा
हरियाणा के मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के नेता ओम प्रकाश चौटाला ने ये तो माना है कि प्रदेश में किसान नाराज़ हैं मगर उनका कहना है कि ये नाराज़ग़ी केंद्र सरकार से है न कि उनकी सरकार से.
बीबीसी हिंदी से विशेष बातचीत में चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो नई क़ीमत तय की है उससे किसान नाराज़ हैं.
जिन तीन राज्यों में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं हरियाणा उनमें से एक है और लोकसभा चुनाव में पार्टी को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली थी.
लोकसभा चुनाव में नाराज़ रहे किसानों के बारे में चौटाला ने कहा, "लोकसभा चुनाव में उनसे जो ग़लतियाँ हुईं उन्हें सुधारने का मौक़ा अब उन्हें मिला है और चूँकि किसानों का प्रतिनिधित्व हम ही करते आए हैं तो वे हमारी पार्टी के समर्थन में वोट डालेंगे."
लोकसभा चुनाव में पार्टी के सफ़ाये के बारे में चौटाला का कहना था कि उस समय लोगों के सामने दो ही विकल्प थे कि वे या तो कांग्रेस को चुनें या फिर भाजपा को क्योंकि वे राष्ट्रीय स्तर के चुनाव थे.
उन्होंने कहा कि लोग कांग्रेस के पक्ष में गए क्योंकि वे भाजपा से ख़ुश नहीं थे.
मुख्यमंत्री चौटाला के अनुसार उनकी पार्टी चूँकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर आ गई थी और कांग्रेस के साथ वे जा नहीं सकते थे इसलिए लोगों ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों पर ही ध्यान रखा.
चौटाला ने कहा, "कांग्रेस ने पिछले सात-आठ महीनों में किसानों पर जो कुठाराघात किए हैं वे उसका अब बदला लेना चाह रहे हैं."
संभावनाएँ
इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन की चर्चाओं के बारे में उनका कहना था कि ऐसी बातचीत कभी चली ही नहीं.
चौटाला ने कहा कि बसपा से उनकी पार्टी की विचारधारा मिलती है. उनका कहना था, "हमने कहा था कि अगर वे हाथ बढ़ाएँगे तो हम उनका साथ ले लेंगे मगर हमारी बातचीत कभी नहीं हुई और उन्होंने अपने तौर पर सब जगह लड़ने का फ़ैसला कर लिया."
चुनाव के बाद गठबंधन की संभावनाओं के बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री का कहना था कि बसपा के साथ इसलिए संभव नहीं है क्योंकि उनका एक भी प्रतिनिधि चुनकर आएगा ही नहीं.
जबकि भाजपा के बारे में उनका कहना था, "हम विचारधारा के स्तर पर कांग्रेस के विरुद्ध हैं और हम राजनीति में किसी को अछूत नहीं मानते."
चौटाला ने भाजपा के हरियाणा प्रदेश प्रभारी शिवराज सिंह चौहान का उल्लेख करते हुए कहा कि वह आईएनएलडी को चिमटे से भी नहीं छूने की बात कहते हैं तो ऐसे में उनसे मेल भी संभव नहीं.
उनका कहना था कि भाजपा के साथ उनका पार्टी का समझौता इसलिए हुआ क्योंकि वहाँ अटल बिहारी वाजपेयी जैसा व्यक्तित्व था.
चौटाला ने कहा कि भाजपा अब फिर दो सदस्यों वाली स्थिति में आ जाएगी.
पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोपों पर चौटाला का कहना था, "ये आरोप कोई हम पर ही नहीं लग रहा है ये हमसे पहले मेरे पिताजी पर भी लगा था. ये तो चरित्रहनन की राजनीति है."