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सैनिकों पर बलात्कार के आरोपों की जाँच | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारतीय कश्मीर में अधिकारियों ने भारतीय सैनिकों द्वारा एक महिला के साथ कथित बलात्कार के आरोपों की जाँच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि भारतीय सेना ने अलग से इस मामले की जाँच करा रही है. इससे पहले हंदवाड़ा में सैकड़ों लोगों ने इस घटना के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित महिला की मेडिकल जाँच से बलात्कार की पुष्टि हुई है. लेकिन अधिकारियों का ये भी कहना है कि जाँच से यह नहीं साबित हुआ है कि महिला की 10 वर्षीय बेटी के साथ भी यौनाचार किया गया. समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार भारतीय सैनिकों पर आरोप है कि हंदवाड़ा के भदरवैन गाँव में तलाशी के नाम पर उन्होंने पहले इस महिला के परिवारवालों को घर से बाहर निकाल दिया और फिर उसके साथ बलात्कार किया. भारतीय सेना के प्रवक्ता लेफ़्टिनेट कर्नल वीके बत्रा ने इस बात की पुष्टि की कि सेना ने इस घर की तलाशी ली थी, लेकिन उन्होंने बलात्कार की बात से इनकार किया. उन्होंने बताया कि सेना इस मामले की अलग से जाँच कर रही है. 'घुसपैठ में कमी' इस बीच कश्मीर के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा है कि सीमा पार से घुसपैठ में कमी तो आई है लेकिन यह ख़त्म नहीं हुई है.
जम्मू में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शिवराज पाटिल ने कहा कि घुसपैठ में कमी सीमा पर बाड़ लगाने और उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाने के कारण आई है. गृह मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पिछले एक साल से चल रहे संघर्ष विराम से संतुष्ट है. उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर में स्थिति सुधरती है तो उनकी सरकार कश्मीर में आंतरिक संघर्ष विराम के लिए भी तैयार है. इससे पहले शिवराज पाटिल ने सुचेतगढ़ का दौरा किया और कहा कि अगर चरमपंथियों ने अपने हथियार डाल दिए तो सरकार उनके ख़िलाफ़ सैनिक अभियान रोक सकती है. |
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