रविवार, 10 अक्तूबर, 2004 को 00:21 GMT तक के समाचार
अफ़ग़ानिस्तान के अंतरिम राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने देश के पहले राष्ट्रपति चुनाव पर खुशी जताई है.
हालाँकि उनके विरोधी उम्मीदवारों ने चुनाव में धाँधली का आरोप लगाया है.
उन्होंने ये कहते हुए चुनाव को रद्द करने की माँग की है कि मतदान में गड़बड़ी को रोकने के लिए मतदाताओं की ऊँगलियों पर लगाई जानेवाली स्याही आसानी से मिट जा रही थी.
चुनाव में कई मतदाताओं ने वोट देने के बाद इस निशान को मिटाकर दोबारा भी वोट डाले.
अफ़ग़ानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र के चुनाव अधिकारियों का कहना है कि ये एक अस्थाई तकनीकी समस्या थी जिसे फ़ौरन दूर कर लिया गया.
आरोप और जवाब
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति चुनाव में खड़े 16 उम्मीदवारों में से अधिकतर ने चुनाव के दिन धाँधली के आरोप लगाते हुए चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी.
मगर चुनावी दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हामिद करज़ई ने उनके आरोपों को सीधे ख़ारिज़ कर दिया.
करज़ई ने सवाल पूछा,"कौन ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं? ये 15 उम्मीदवार या वे लाखों लोग जो आज अपने वोट डालने आए? ".
उन्होंने कहा कि सभी को अफ़ग़ान चुनाव आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए और जब नतीजे का एलान हो जाए तो उसका सम्मान करना चाहिए.
चुनाव में पहले 18 उम्मीदवार मैदान में थे मगर दो उम्मीदवारों ने हामिद करज़ई का समर्थन करते हुए दौड़ से हटने का फ़ैसला कर दिया था.
भारी उत्साह
शनिवार को अफ़ग़ानिस्तान के पहले बड़े लोकतांत्रिक चुनाव में लाखों अफ़ग़ानों ने वोट डाले और मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा.
अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद विभिन्न बीबीसी संवाददाताओं ने ख़बर दी है कि आम मतदाताओं में भारी उत्साह था और उन्होंने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया.
अफ़ग़ानिस्तान में तीन साल पहले सत्ता से बाहर कर दिए गए तालिबान की धमकियों को ध्यान में रखकर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे.
ख़ासतौर से उनके गढ़ कंदहार में सुरक्षा कड़ी थी और मतदान केंद्रों के बाहर हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था.
अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों पाकिस्तान और ईरान में भी अफ़ग़ान शरणार्थियों ने वोट डाले.