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हिमनद से 22 साल बाद शव निकाले गए | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में अधिकारियों का कहना है कि हिमालय के एक ग्लेशियर यानि हिमनद से तीन शव निकाले गए हैं जो वहाँ 22 साल तक दफ़्न थे. चार हफ़्ते पहले पर्वतारोहियों की एक टीम ने काँगला हिमनद पर लगभग छह हज़ार मीटर की ऊँचाई पर चार शव देखे. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से तीन शवों को हिमनद से निकाला जा चुका है. संदेह है कि इनमें से दो शव स्वीडन और अमरीका के नागरिकों के हो सकते हैं जो वहाँ 1981 में लापता हो गए थे. लाहौल और स्पिति ज़िले के ज़िलाधीश बीआर वर्मा के अनुसार, "तीन शवों को एक पर्वतारोहियों की टीम हिमनद से बाहर निकाल लाई है." उनका कहना था कि हिमनद से निकाले जाने के बाद शव सड़ने-गलने शुरु हो गए हैं और यदि उनका यदि जल्द अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो उनकी हालत और ख़राब हो सकती है. हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव कुंवर शमशेर सिंह का कहना था, "जैसे ही हमें संबंधित दूतावासों से सूचना मिलती है, शव उन्हें सौंप दिए जाएँगे लेकिन तब तक उन्हें बर्फ़ में रखकर सड़ने-गलने से बचाया जाएगा." उनका कहना था कि 1981 के कुछ दस्तावेज़ स्वीडन के दूतावास को सौंपे गए हैं. |
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