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रविवार, 15 अगस्त, 2004 को 22:57 GMT तक के समाचार

सीमा पर भी जली मिलाप की ज्योत

भारत के 58वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर वाघा सीमा पर भी दोस्ती की ज्योति जलाई गई.

ग़ौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच ज़मीन के ज़रिए संपर्क सिर्फ़ वाघा के ज़रिए ही है.

पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच दोस्ती बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं.

इसके लिए स्वाधीनता की वर्षगाँठ का अच्छा मौक़ा था.

भारत की तरफ़ से तो लोग वाघा चौकी पर एकत्र हुए ही, उनकी ख़ुशी में शरीक होने के लिए पाकिस्तान से भी अनेक लोग चौकी पर आ गए और 15 अगस्त के लड्डू बड़े चाव से खाए.

वाघा चौकी पर एकत्र हुए हज़ारों भारतीय और पाकिस्तानी लोगों ने ज्योति जलाकर दोनों देशों के बीच दोस्ती मज़बूत होने की दुआएं कीं.

यह मिलाप ज्योति शनिवार को शुरू हुई थी जिसका आयोजन भारत-पाकिस्तान मित्रता मंच ने किया था.

समारोह

वाघा चौकी पर 14 और 15 अगस्त की रात को दोनों देशों की तरफ़ से कुछ नेता और आम लोग समारोह में हिस्सा लेने के लिए इकट्ठा हुए.

पाकिस्तान की तरफ़ से तीन सांसद एसएल खोसा, चौधरी आबिद शेर अली और सैयद नवीद कमाल अपने परिवारों के साथ इस समारोह में शामिल हुए.

भारत की तरफ़ से पत्रकार और सांसद कुलदीप नैयर और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने भाग लिया.

दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ जिसमें पंजाबी गीतों ने अनोखा समाँ बाँध दिया.

भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर शहर के बच्चों ने संयुक्त रूप से एक नाटक भी पेश किया जिसका नाम था, "सीमा-सीमा".

दोनों देशों के बीच दोस्ती मज़बूत करने का संदेश देने वाले इस नाटक का निर्देशन पाकिस्तानी मदीहा गौहर ने किया.

इस मौक़े पर दोनों देशों से उन युद्ध बंदियों को भी रिहा करने की अपील की गई जिन्हें तीन युद्धों के दौरान बंदी बनाया गया है.