मंगलवार, 06 जुलाई, 2004 को 01:57 GMT तक के समाचार
भारत के रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव भारतीय रेल को दुनिया की सबसे बेहतरीन सेवा बनाने के सपने के साथ आज अपना पहला रेल बजट लोक सभा में पेश करने वाले हैं.
विपक्ष ने हालाँकि उनके रेल बजट का बहिष्कार करने की बात कही है लेकिन लालू प्रसाद यादव इससे बिल्कुल भी विचलित नज़र नहीं आते.
बजट से पहले की बातचीत में लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि भारतीय रेल को दुनिया में सबसे बेहतरीन सेवा बनाना उनका सपना है और इसके लिए वह भरपूर कोशिश करेंगे.
इसके लिए उन्होंने इशारा दिया है कि ज़रूरत पड़ी तो विश्व बैंक और कुछ देशों से क़र्ज़ भी लिया जाएगा.
लेकिन लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के निजीकरण का कोई संकेत नहीं दिया.
रेल मामलों के जानकार और अख़बार लोकमत के वरिष्ठ पत्रकार अनिल दुबे का कहना है कि रेल मंत्री रेलवे के संचालन को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न श्रेणियों में क़रीब 90 हज़ार कर्मचारियों की भर्ती कर सकते हैं.
रेलवे में अपराध को कम करने के लिए भी कुछ हज़ार सुरक्षा कर्मियों की भर्ती की घोषणा की संभावना है.
ऐसी भी संभावना है कि 'भारत दर्शन' नाम की दर्जन भर नई रेलगाड़ियों को चलाने की घोषणा भी लालू प्रसाद यादव कर सकते हैं.
हालाँकि रेल मंत्री के सामने चुनौती यह होगी कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन कहाँ से आएगा, ख़ासतौर से ऐसे में जबकि उन्होंने रेलवे के निजीकरण का कोई संकेत नहीं दिया है.
हालाँकि लालू प्रसाद यादव विदेशों और विश्व बैंक से क़र्ज़ लेने की बात कर रहे हैं, फिर भी उसे चुकाना तो होगा ही.
यह एक दिलचस्प बात है कि पिछले दस साल में तीन रेल मंत्री बिहार से ही रह चुके हैं- राम विलास पासवान, नीतिश कुमार और अब लालू प्रसाद यादव.
कुल मिलाकर स्वतंत्रता के बाद से अब तक आठ रेल मंत्री बिहार से रह चुके हैं.