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सोमवार, 19 जुलाई, 2004 को 01:00 GMT तक के समाचार
 
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पाक लचीले रुख़ के लिए तैयार: क़सूरी
 
क़सूरी
'ऐसा नहीं हो सकता कि भारत-पाकिस्तान बातचीत हो और कश्मीर का ज़िक्र न हो'
पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत-पाक संबंधों और कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर लचीला रुख़ अपनाने को तैयार है बशर्ते भारत भी अपने रुख़ में लचीलापन लाए.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख़ुर्शीद महमूद क़सूरी ने कहा है कि राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ का यही मानना है.

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानि सार्क के विदेश मंत्रियों की इस्लामाबाद में होने जा रही बैठक से पहले उन्होंने ये विचार बीबीसी उर्दू सेवा के साथ ख़ास बातचीत में व्यक्त किए.

उन्होंने कहा कि सार्क हमेशा से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का शिकार रहा है.

उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि आपसी सहयोग में सार्क देशों को आसियान देशों से सबक लेना चाहिए क्योंकि वे सार्क देशों से बहुत पीछे हुआ करते थे लेकिन अब बहुत आगे निकल गए हैं.

क़सूरी ने कहा कि सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान के विदेश मंत्री आपस में भी बातचीत करेंगे लेकिन इसके लिए कोई औपचारिक कार्यसूची नहीं होगी.

हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने फिर ज़ोर देकर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि भारत-पाकिस्तान बातचीत हो और कश्मीर का ज़िक्र न हो.

 भारत सरकार भी तो ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस से बात कर रही है चाहे पहले वह उनसे बात नहीं कर रही थी. इसी से अंदाज़ा हो जाता है कि भारत सरकार मानती है कि ये संगठन कश्मीरी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. यदि ऐसा न होता तो भारत सरकार हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस को नज़रअंदाज़ कर देती
 
ख़ुर्शीद महमूद क़सूरी

उनका कहना था कि जब दोनो देशों के बीच कश्मीर के मुद्दे पर युद्ध हुए हैं तो अपने होश में कोई व्यक्ति ये नहीं कह सकता कि इस मुद्दे के अलावा अन्य मुद्दों पर बातचीत कर लें और स्थिति अपने आप सामान्य हो जाएगी.

उनका कहना था भारत और पाकिस्तान की बातचीत तो अपनी जगह है लेकिन कश्मीरी लोगों की बात भी सुननी होगी.

क़सूरी ने कहा, "भारत सरकार भी तो ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस से बात कर रही है चाहे पहले वह उनसे बात नहीं कर रही थी."

उनका कहना था, "इसी से अंदाज़ा हो जाता है कि भारत सरकार मानती है कि ये संगठन कश्मीरी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. यदि ऐसा न होता तो भारत सरकार हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस को नज़रअंदाज़ कर देती."

भारत के रक्षा ख़र्चे में भारी वृद्धि पर उन्होंने कहा कि भारत स्वतंत्र देश है और ऐसा करने का उसे पूरा हक़ है लेकिन साथ ही पाकिस्तान को भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने का पूरी हक़ है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ हथियारों की दौड़ में नहीं लगा हुआ लेकिन यदि भारत अपनी सन्य क्षमता बढ़ाता है तो पाकिस्तान को भी उचित कदम तो उठाने ही होंगे.

 
 
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