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राज्यसभा चुनाव में लालू की तूती | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बिहार में राज्यसभा की सात सीटों के लिए हो रहे चुनाव में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को सबसे ज़्यादा चार सीटें मिलने जा रही हैं. बिहार में राज्यसभा की कुल 16 सीटें हैं. चार सीटों के प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण वहाँ चुनाव हो रहे हैं जबकि तीन सीटों के प्रतिनिधियों के लोकसभा पहुँचने के कारण वहाँ चुनाव करवाने पड़ रहे हैं. राज्यसभा के सदस्य रहे लालू यादव, काँग्रेस नेता कपिल सिबल और जनता दल(यू) के नेता राजीव रंजन इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुँचे हैं. अब राज्यसभा चुनाव में सात सीटों के लिए केवल सात ही उम्मीदवार मैदान में हैं जिसके कारण उनका निर्विरोध निर्वाचित होना तय है. मधेपुरा सीट पर लालू यादव से पराजित होनेवाले जनता दल(यू) नेता शरद यादव बिहार से राज्यसभा में पहुँच रहे हैं. काँग्रेस में बिहार मामलों के प्रभारी आर के धवन भी राज्य से राज्यसभा में जा रहे हैं. जॉर्ज फ़र्नांडिस के लिए मुज़फ़्फ़रपुर सीट छोड़नेवाले भारतीय जनता पार्टी के नेता कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद अब राज्यसभा के सदस्य बन जाएँगे. आरजेडी से इस बार राज्यसभा पहुँचनेवाले नेताओं में लालू यादव के साले सुभाष यादव का नाम ख़ासी चर्चा में है. उनके एक और साले अनिरूद्ध प्रसाद उर्फ़ साधु यादव इसी बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुँच चुके हैं. उधर लालू यादव के मधेपुरा सीट छोड़ने के बाद वहाँ से उम्मीदवारी के सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के बीच मतभेद उभरने लगे हैं. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि लालू यादव इस सीट से पप्पू यादव को खड़ा करना चाहते हैं जिन्होंने पासवान की पार्टी के टिकट पर पुर्णिया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए. |
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