कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचार से जुड़ा एक और आरोप लगाते हुए श्रम मंत्री साहिब सिंह वर्मा के इस्तीफ़े की माँग की है.
वर्मा ने कांग्रेस के इस आरोप को झुठलाते हुए कहा है कि अगर सिब्बल उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप साबित कर देते हैं तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता ने एक सरकारी योजना के फ़ॉर्म मुंबई स्थित भारतीय जनता पार्टी कार्यालय से मिलने के मामले में एक संवाददाता सम्मेलन में ये इस्तीफ़ा माँगा.
सिब्बल ने एक निजी समाचार चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना के फ़ॉर्म श्रम मंत्रालय से ही मिलने चाहिए, मगर ये फ़ॉर्म मुंबई स्थित भाजपा कार्यालय में बांटे जा रहे हैं और ये भ्रष्टाचार का मामला है.
उन्होंने कहा कि वह ये मामला चुनाव आयोग के पास ले जाने के लिए भी तैयार हैं.
आरोप झुठलाए
वहीं भाजपा का कहना है कि उनके कार्यकर्ता लोगों की मदद करने के लिए ही ये फ़ॉर्म बेच रहे हैं.
![]() आरोपों का खंडन किया साहिब सिंह |
इस बीच श्रम मंत्री वर्मा ने कहा कि वह इस मामले की इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं है और वह जाँच ख़ुद कपिल सिब्बल को ही सौंपने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यालय पर अगर भाजपा के चुनाव निशान वाला कोई फ़ॉर्म दिया जा रहा है तो वह पार्टी का कोई सर्वेक्षण हो सकता है और ऐसे फ़ॉर्म तो स्वीकार ही नहीं किए जा सकते.
साथ ही इस योजना के तहत श्रमिकों के पैसे जमा करने के बारे में उन्होंने कहा कि पैसे कोई भी लेकर जमा कर सकता है.
कांग्रेस ने समाचार चैनल की रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि भाजपा के कार्यकर्ता ही पैसे ले रहे हैं और ये ग़लत है क्योंकि पैसा फ़ॉर्म के साथ सीधे जमा करवाया जाना चाहिए.
बसपा-सपा से गठबंधन
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी या समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बारे में सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस भाजपा के विरुद्ध सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुट करना चाहती है.
उन्होंने कहा, “सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को भाजपा के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए और अगर दूसरे दल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ते तो जनता फ़ैसला करेगी कि असली धर्मनिरपेक्ष कौन है.”
उन्होंने कहा कि वह चुनाव में साझेदारी के बारे में समाजवादी पार्टी से भी बातचीत को तैयार हैं.