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मंगलवार, 24 फ़रवरी, 2004 को 01:12 GMT तक के समाचार
 
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बेनज़ीर भुट्टो ने जाँच की माँग की
 
बेनज़ीर भुट्टो
बेनज़ीर पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान सरकार परमाणु प्रसार के मामले को रफ़ा-दफ़ा करने की कोशिश कर रही है.

उन्हें इस पूरे मामले की व्यापक जाँच की माँग की है.

बेनज़ीर भुट्टो ने कहा है कि देश के परमाणु वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल क़दीर ख़ान ख़ुद अपने स्तर पर परमाणु तकनीकी किसी अन्य देश को लीक नहीं कर सकते थे.

उन्होंने कहा है कि इसमें ज़रूर सरकार और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मिली भगत रही होगी और उन्हें अवश्य इसकी जानकारी रही होगी.

बेनज़ीर भुट्टो ने बीबीसी के एशिया टुडे कार्यक्रम में कहा, "हम मानते हैं कि इस मामले को रफ़ा-दफ़ा करने की पूरी कोशिश की गई है. इसमें निश्चित तौर पर कुछ अन्य बड़े नाम शामिल रहे होंगे."

दूसरी तरफ़ एक सरकारी प्रवक्ता ने बेनज़ीर भुट्टों के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि डॉक्टर अब्दुल क़दीर ख़ान ने इस पूरे मामले में सिर्फ़ अकेले ही काम किया.

ग़ौरतलब है कि डॉक्टर अब्दुल क़दीर ख़ान को पाकिस्तान के परमाणु बम का जनक माना जाता है और देश में उन्हें राष्ट्रनायक का दर्जा हासिल है.

उन पर आरोप हैं कि उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को परमाणु जानकारी लीक की जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति के वैज्ञानिक सलाहकार पद से हटा दिया गया था.

बाद में जनवरी में उन्होंने इसके लिए आम माफ़ी की अपील की थी जिस पर राष्ट्रपति ने उन्हें यह माफ़ी दे दी थी.

बहुत से विश्लेषकों का कहना है कि यह बात बहुत संदेहास्पद है कि डॉक्टर अब्दुल क़दीर ख़ान ने सिर्फ़ अपने बल पर ही ऐसा अहम और विवादास्पद क़दम उठाया होगा और इसकी जानकारी सेना को नहीं होगी जबकि पाकिस्तान में सेना हमेशा ही बहुत ताक़तवर रही है.

असल दोषी

बेनज़ीर भुट्टो ने कहा कि इस मामले की व्यापक जाँच होनी चाहिए लेकिन उन्होंने साथ ही यह शक भी ज़ाहिर किया कि राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ की भूमिका बनी जाँची परखी ही रह जाएगी.

बेनज़ीर भुट्टो
बेनज़ीर निर्वासित जीवन जी रही हैं

बेनज़ीर भुट्टो ने राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर दुस्साहसी होने का भी आरोप लगाया.

"जनरल मुशर्रफ़ चाहते हैं कि दुनिया इस बात पर भरोसा कर ले कि सिर्फ़ डॉक्टर अब्दुल क़दीर ख़ान अकेले ही परमाणु जानकारी विदेशों को देने के लिए ज़िम्मेदार हैं, लेकिन यह तर्क किसी के भी गले नहीं उतर रहा है."

बेनज़ीर का कहना था कि लोगों का यही मानना है कि क़दीर ख़ान तो सिर्फ़ आदेशों का पालन कर रहे थे.

बेनज़ीर ने कहा, "हम चाहते हैं कि इस मामले में असल ज़िम्मेदार लोगों का पता लगाया जाए ताकि भविष्य में फिर से ऐसा ना हो."

बेनज़ीर भुट्टो ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने "परमाणु तकनीक का निर्यात नहीं" की नीति बनाई थी.

हम जानना चाहते हैं कि क्या मौजूदा सरकार ने वह नीति बदल दी है, या फिर सेना ने राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के आदेशों को ताक पर रखकर क़दम उठाए या फिर ख़ुफ़िया एजेंसियों ने मनमाने तरीक़े से काम किया."

खंडन

बीबीसी के एशिया टुडे कार्यक्रम में ही पाकिस्तान के सूचना मंत्री शेख़ रशीद अहमद ने बेनज़ीर भुट्टो के आरोपों का खंडन किया.

उन्होंने कहा कि इस मामले में डॉक्टर क़दीर ख़ान ने सिर्फ़ अपने ही विवेक से क़दम उठाए और सरकार इसमें किसी भी स्तर पर शामिल नहीं रही.

"परमाणु प्रसार के इस मामले में एक भी सरकारी अधिकारी शामिल नहीं रहा है."

शेख़ रशीद अहमद ने उल्टे बेनज़ीर भुट्टो पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह बेईमान और सत्ता की भूखी हैं और मीडिया का ग़लत फ़ायदा उठा रही हैं.

ध्यान रहे की बेनज़ीर भुट्टो 1999 से ही पाकिस्तान से बाहर हैं और ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात में में स्वनिर्वासित जीवन व्यतीत कर रही हैं.

पाकिस्तान में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और अगर वह पाकिस्तान लौटती हैं तो उन पर इन आरोपों में मुक़दमा भी चलाया जा सकता है.

 
 
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