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आत्मघाती हमलावरों की पहचान का दावा
पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर गुरुवार को आत्मघाती हमले के प्रयास में शामिल दोनों हमलावरों की पहचान कर ली गई है. इन हमलों में राष्ट्रपति मुशर्रफ़ बाल-बाल बच गए थे लेकिन अन्य चौदह लोगों की जानें गई थीं. शुक्रवार को पाकिस्तान के गृह मंत्री फैसल सालेह ने संसद में जानकारी दी कि दो हमलावरों की शिनाख़्त कर ली गई है लेकिन उन्होंने उनके नाम बताने से इनकार कर दिया. उनका कहना था,"सुरक्षा कारणों से पहचान नहीं बताई जा सकती है." रावलपिंडी में राष्ट्रपति के काफ़िले के गुज़रने के चंद सेकेंड बाद हुए दो धमाकों में 14 लोग मारे गए और अनेक लोग घायल हो गए. राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के ऊपर पिछले 11 दिनों में यह दूसरा जानलेवा हमला था. हमले के कुछ समय बाद पाकिस्तानी टेलीविज़न पर बोलते हुए राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ ज़ोरदार लड़ाई छेड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा, "ऐसे हमलों से मैं डरने वाला नहीं हूँ, न ही आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई धीमी पड़ेगी बल्कि इनसे मेरा इरादा और पक्का हुआ है."
पाकिस्तान में कोई इस संभावना से इनकार नहीं कर रहा कि इन हमलों के पीछे अल क़ायदा का हाथ हो सकता है. इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता पॉल एंडरसन का कहना है कि इन हमलों के पीछे उन लोगों का हाथ हो सकता है जो अमरीका को समर्थन देने की वजह से राष्ट्रपति मुशर्रफ़ से नाराज़ हैं. कुछ समय पहले ही अल क़ायदा के दूसरे सबसे बड़े नेता एमन अल ज़वाहिरी ने एक वीडियो टेप जारी करके पाकिस्तानियों से अपील की थी कि वे मुशर्रफ़ की सरकार को उखाड़ फेकें. पाकिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से राष्ट्रपति मुशर्रफ़ को मारने को कोशिशें चार बार हुई हैं लेकिन हर बार वे बाल-बाल बच गए हैं. |
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