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सीमा पर बँटी ईद की मिठाइयाँ
भारत और पाकिस्तान के बीच मंगलवार मध्यरात्रि से युद्धविराम के लागू होने के बाद से कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनी हुई है. भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि कहीं से गोलीबारी की कोई घटना सामने नहीं आई है. ईद के मुबारक मौक़े पर भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मिठाइयाँ भी बाँटीं. पहली बार दोनों देशों के बीच कश्मीर में नियंत्रण रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमा और सियाचिन में इतने बड़े पैमाने पर युद्धविराम लागू किया गया है. भारतीय कश्मीर और पाकिस्तानी कश्मीर में आम लोगों ने भी इस फ़ैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि स्थायी शांति के रास्ते खुलेंगे. लेकिन भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सेना सीमा पार से आने वाले घुसपैठियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई जारी रखेगी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मीर ज़फ़रूल्लाह ख़ान जमाली की पहल पर दोनों देशों ने युद्धविराम लागू किया है. गोलीबारी नहीं इस्लामाबाद में पाकिस्तान के सैनिक प्रवक्ता मेजर जनरल शौकत सुल्तान ने बताया, "अभी तक अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति बनी हुई है. मध्यरात्रि से कोई गोलीबारी नहीं हुई है." उन्होंने उम्मीद जताई कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी और भारत बातचीत की दिशा में आगे बढ़ेगा. भारतीय कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू में भी पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सीमा पर शांति बनी हुई है.
उन्होंने कहा, "युद्धविराम लागू होने के बाद से नियंत्रण रेखा पर शांति बनी हुई है." जम्मू में भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ईद के मौक़े पर पाकिस्तानी सैनिकों को मिठाइयाँ बाँटीं. जनता ख़ुश दोनों देशों के सीमावर्ती इलाक़े में रहने वाले लोग गोलीबारी के कारण सबसे ज़्यादा प्रभावित रहे हैं. युद्धविराम की इस घोषणा के बाद उन्होंने राहत की साँस ली है और उम्मीद जताई है कि यह स्थायी होगा.
पाकिस्तानी कश्मीर के चकोटी सेक्टर में रहने वाले 50 वर्षीय मोहम्मद सादिक़ कहते हैं, "पिछले एक साल के दौरान मैंने सुरक्षा कारणों से पाँच बार अपने परिवार को यहाँ से हटाया है. लेकिन अब उम्मीद बँधी है." चकोटी नियंत्रण रेखा से सिर्फ़ डेढ़ किलोमीटर दूर है. आम लोगों के साथ-साथ सेना के जवानों को भी इस घोषणा से राहत मिली है और उन्हें उम्मीद है कि लंबे समय से सीमा पर चौकसी करने के बाद अब उन्हें अपने परिवार के साथ भी कुछ वक़्त बिताने का मौक़ा मिलेगा. पाकिस्तानी सेना में काम करने वाले मोहम्मद हनीफ़ का कहना है, "हममें से कई जवानों को अब छुट्टी मिल सकती है. मैं तो छह महीने से अपने परिवार से अलग हूँ." |
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