काँग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है, "पाकिस्तान में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के शासन से बेहतर लोकतंत्र है."
बीबीसी हिंदी से विशेष बातचीत में उन्होंने सोमवार को उनके साथ हुई मार-पीट की कोशिश का पूरा ब्यौरा देते हुए कहा कि वह इससे डरेंगे नहीं.
अय्यर ने कहा, "मैं इससे डरने वाला नहीं हूँ और मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री की कार्रवाई ठीक नहीं थी. मगर मैं अपना कर्तव्य पूरा करुँगा"
उल्लेखनीय है कि सोमवार को अय्यर जब मुख्यमंत्री जे जयललिता के साथ एक कार्यक्रम में शरीक होने के बाद लौट रहे थे तो उनके साथ कथित तौर पर अन्ना द्रमुक कार्यकर्ताओं ने मार-पीट की कोशिश की.
अय्यर की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए और उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए हालाँकि अय्यर को शारीरिक चोट नहीं आई है.
आरोप
अय्यर ने घटना के बारे में बताया कि मुख्यमंत्री हर ज़िले में विकास और लोककल्याण के कार्यक्रमों की घोषणा कर रही थीं और ऐसे ही एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें बुलाया गया.
उनके अनुसार इसके बाद मुख्यमंत्री जब बोलने आईं तो उन्होंने अय्यर के कुछ पुराने लेखों का ज़िक्र किया और उन पर 'निजी हमला' किया.
अय्यर ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मंच से उतरकर मुख्यमंत्री के पास जाकर इस बारे में असंतुष्टि जताई और कार्यक्रम से चले गए.
काँग्रेस नेता का कहना था जब वहाँ से निकलकर वह कराइकल तक पहुँचे थे कि तभी एक गाड़ी उनकी गाड़ी के सामने आई और उनकी गाड़ी रुकवाकर मारपीट की कोशिश की गई.
उन्होंने इस सब का आरोप मुख्यमंत्री जयललिता की अन्नाद्रमुक पार्टी पर लगाया है.
अय्यर का कहना था, "तमिलनाडु में लोकतंत्र ख़त्म करने की कोशिश हो रही है. मुझे लगता है कि मुशर्रफ़ के पाकिस्तान में ज़्यादा लोकतंत्र है."
मणिशंकर का लेख
उल्लेखनीय है कि मणिशंकर अय्यर ने गुरुवयूर मंदिर में जयललिता के हाथी दान देने को लेकर एक लेख में टिप्पणी की थी.
अय्यर की टिप्पणी थी कि वह तो मंदिर में जयललिता को ही दान देना पसंद करते.
जयललिता ने उसी लेख का उल्लेख करते हुए कहा, "अब वह व्यक्ति अपने क्षेत्र के लिए माँग कर रहा है."