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रविवार, 20 जुलाई, 2008 को 10:24 GMT तक के समाचार
 
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फिर चूका नैटो सेना का निशाना, 13 मरे
 
अफ़ग़ानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सेना
पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय सेना के हमले चूक जाने से कई अफ़ग़ानिस्तानी नागरिक मारे गए हैं
अफ़ग़ानिस्तान में अधिकारियों ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय सेना से जुड़ी दो अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 13 लोग मारे गए हैं.

माना जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अंतरराष्ट्रीय सेना ने फ़ाराह प्रांत में ग़लती से हवाई हमला कर दिया जिसमें चार अफ़ग़ान पुलिसकर्मी और पांच नागिरकों की मौत हो गई.

अंतरराष्ट्रीय वायुसेना (आईएसएएफ़) का दूसरा हमला पाकतिका प्रांत में चूक गया. वहाँ चार आम नागरिक मारे गए.

पिछले दिनों विदेशी सेना के कई हमले विवादों में रहे हैं. सेना अपने हमले में उस समय चूकी जब अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बराक़ ओबामा अफ़ग़ानिस्तान के दौरे पर थे.

बराक ओबामा अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों की संख्या बढ़ाने के समर्थक हैं. पिछले दिनों वो इस तरह का बयान दे चुके हैं.

कई हमले चूके

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई पहले ही कह चुके हैं कि आम नागरिकों की मौतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.

अफ़ग़ानिस्तान में बीबीसी संवाददाता के अनुसार फ़ाराह प्रांत में ये लड़ाई रविवार की सुबह हुई.

अफ़ग़ानिस्तान पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय सेना और अफ़ग़ानिस्तान सेना के क़ाफ़िले पर तालेबानी लड़ाके समझकर हमला कर दिया.

फ़ाराह प्रांत के उपराज्यपाल यूनुस रसूली ने बताया कि संयुक्त सेना ने अपने क़ाफ़िले के आने के बारे में अफ़गानिस्तानी पुलिस को पहले से नहीं बताया था.

गोलियों की आवाज़ सुनकर कई स्थानीय नागरिक पुलिस की मदद करने पहुंचे और इनमें से कुछ संयुक्त सेना की गोलियों का शिकार हो गए.

नैटो और अमरीकी सेना के अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.

उधर, अंतरराष्ट्रीय सेना के अनुसार पाकतिका प्रांत में चार से लेकर सात नागरिक मारे गए हैं.

ये सारे लोग उन दो मोर्टारों का निशाना बने जिनका निशाना चूक गया था. जिसकी वजह से ये अपनी मंज़िल से एक किलोमीटर पहले ही फट गए.

"आईएसएएफ़ इस हादसे के लिए माफ़ी चाहता है. इस दर्दनाक घटना के कारणों की जाँच की जा रही है."

नाकाम हमलों की कड़ी

पिछले कुछ दिनों में इस तरह संयुक्त सेना के निशाने चूक जाने की वजह काफ़ी विवादित रही है.

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई पहले ही कह चुके हैं कि वो अपने देश में किसी भी आम नागरिक की मौतें बर्दाश्त नहीं करेंगे.

पिछले हफ़्ते भी इसी तरह से हेरात प्रांत में दर्जनों आम नागरिक मारे गए थे. स्थानीय कबीलों का आरोप था कि नैटो समर्थित अंतरराष्ट्रीय सेना ने उन नागरिकों पर हमला किया था.

इससे पहले भी अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमरीकी सेना ने माना था कि बाकवा ज़िले में उन पर हुए हमले के बाद फ़ाराह प्रांत में आठ आम नागरिक मारे गए थे.

इसी महीने नानगरहर के पूर्वी प्रांत में छह जुलाई को अमरीकी वायुसेना ने एक शादी के दौरान किए गए हमले में 50 लोग मारे गए थे.

 
 
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