कई महीनों तक चली हिंसा के बाद कीनिया में राष्ट्रपति मवाई किबाकी और विपक्ष के नेता राइला ओडिंगा के बीच सत्ता में हिस्सेदारी पर सहमति हो गई है.
राजधानी नैरोबी में हुए एक समारोह में दोनों नेताओं ने सहमति पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के मुताबिक़ किबाकी और ओडिंगा की पार्टी के सदस्यों को लेकर एक गठबंधन सरकार बनाई जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफ़ी अन्नान ने सत्ता में हिस्सेदारी के लिए हुए समझौते की मध्यस्थता की.
दोनों नेताओं के साथ चार घंटे चली बैठक के बाद कोफ़ी अन्नान ने कहा, "कीनिया में गठबंधन सरकार के गठन के लिए सहमति हो गई है."
हालाँकि अन्नान ने इससे ज़्यादा कुछ बताने से मना कर दिया क्योंकि अभी दोनों नेता अपनी पार्टी से भी विचार-विमर्श करेंगे.
दिसंबर में कीनिया में हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद काफ़ी हिंसा हुई थी. विपक्षी नेता राइला ओडिंगा का आरोप था कि राष्ट्रपति चुनाव में बहुत धांधली की गई थी. इसके बाद हुई हिंसा में 1500 लोग मारे गए थे.
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी स्वीकार किया था कि मतदान में गड़बड़ी हुई थी. ताज़ा विचार-विमर्श प्रधानमंत्री पद के लिए हो रहा था.
साझेदारी
माना जा रहा है कि सत्ता में हिस्सेदारी के समझौते के बाद प्रधानमंत्री का पद राइला ओडिंगा को मिलेगा.
पहले भी दोनों पक्ष प्रधानमंत्री के पद गठित करने पर सहमत थे लेकिन मतभेद इस पर था कि प्रधानमंत्री को क्या अधिकार मिलेंगे.
नैरोबी से बीबीसी संवाददाता एडम मायनॉट का कहना है कि ये पहली बार नहीं है कि इस तरह के समझौते की घोषणा हुई है.
लेकिन इस बार कोफ़ी अन्नान ये संकेत दे रहे हैं कि प्रगति काफ़ी अहम है. हालाँकि उन्होंने ये भी स्वीकार किया है कि पिछले एक महीने से चल रही शांति प्रक्रिया में कई बार उतार-चढ़ाव आए हैं.
हालाँकि हिंसा की घटनाओं में कमी आई है लेकिन बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि अभी भी तनाव व्याप्त है. हिंसा के कारण क़रीब छह लाख लोगों को अपना घर-बार छोड़कर पलायन करना पड़ा.