बुधवार, 06 फ़रवरी, 2008 को 12:35 GMT तक के समाचार
इटली के राष्ट्रपति ने वहाँ की संसद को भंग कर दिया है. इसके साथ ही वहाँ आम चुनाव का रास्ता साफ़ हो गया है.
माना जा रहा है कि चुनाव 13-14 अप्रैल को हो सकता है. का़नून के तहत संसद को भंग करने के 70 दिनों के अंदर अंदर राष्ट्रपति को चुनाव की घोषणा करनी होगी.
इटली में विभिन्न पार्टियों के नेता अंतरिम सरकार बनाने पर एकमत नहीं हो पाए जिसके बाद राष्ट्रपति जॉर्जियो नेपोलीतानो को ये फ़ैसला लेना पड़ा.
ये राजनीतिक विवाद इटली में गठबंधन सरकार चला रहे प्रधानमंत्री रोमानो प्रोदी के इस्तीफ़े के बाद शुरु हुआ. सीनेट में विश्वास मत हारने के बाद 24 फ़रवरी को रोमानो प्रोदी को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा है.
एक छोटी पार्टी गठबंधन से अलग हो गई थी. इसके बाद रोमानो प्रोदी ने कहा था कि संसद के दोनों सदनों में दो अलग-अलग विश्वास मतों के ज़रिए सांसद अपना मत रखें.
निचले सदन (चैंबर ऑफ़ डेप्युटीज़) में रोमानो प्रोदी विश्वास मत हासिल करने में सफल रहे. लेकिन ऊपर सदन सीनेट में वे हार गए.
इसके बाद इटली के राष्ट्रपति ने उनसे कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहने के लिए कहा जब तक वे ये तय नहीं कर लेते कि आम चुनाव करवाया जाए या अंतरिम सरकार का गठन किया जाए.
गठबंधन सरकार
राष्ट्रपति ने सीनेट स्पीकर को नियुक्त किया था कि विभिन्न दलों से बात करके अंतिरम सरकार का गठन हो सके. लेकिन बातचीत विफल होने के बाद अब राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया है.
रोमानो प्रोदी अप्रैल 2006 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे. सीनेट में उनके पास केवल एक सीट का बहुमत था.
उसके बाद से ही वे नौ पार्टियों के गठबंधन को एकजुट रखने के लिए संघर्ष करते रहे हैं. इस गठबंधन में कम्युनिस्ट से लेकर कैथोलिक शामिल थे.
पिछले साल फ़रवरी में एक प्रस्ताव गिर जाने के कारण पहले भी उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था.तब प्रोदी सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की तैनाती से संबंधित एक प्रस्ताव सीनेट में पेश किया था लेकिन इस पर हुए मतविभाजन में सरकार की हार हो गई थी.
प्रस्ताव के पास होने के लिए ज़रूरी 160 मतों की बजाए वे केवल 158 मत ही हासिल कर पाए थे. हालांकि बाद में उन्होंने विश्वासमत हासिल कर लिया था जिससे यह संकट टल गया था.
रोमानो पहले भी 1996 से लेकर 1999 तक इटली के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.