मंगलवार, 29 जनवरी, 2008 को 15:05 GMT तक के समाचार
कीनिया की राजधानी नैरोबी में एक विपक्षी सांसद की हत्या के बाद वहाँ और हिंसा होने की ख़बरें मिली हैं.
नैरोबी के एक झुग्गी-झोंपड़ी वाले इलाक़े काईबेरा में प्रतिद्वंद्वी गुटों की बीच खूँखार लड़ाई में कम से कम चार लोग मारे गए हैं.
नैवाशा शहर में अपने प्रतिद्वंद्वी गुट पर हमला करने पर उतारू एक बड़ी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सेना ने हेलीकॉप्टरों के ज़रिए आँसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियाँ चलाईं.
कीनिया के पश्चिमी इलाक़े से उगांडा जाने वाली रेलवे लाइन के कुछ हिस्से को उखाड़ दिया गया है.
दिसंबर 2007 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों के बाद भड़की हिंसा को रोकने और राजनीतिक संकट को हल करने के लिए जो बातचीत अधर में रुक गई थी, वो मंगलवार को फिर से शुरू हो रही है.
सरकार और विपक्षी दलों के बीच यचह बातचीत अफ्रीकी देशों के कुछ वरिष्ठ राजनेता करा रहे हैं जिसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफ़ी अन्नान कर रहे हैं.
जहाँ एक तरफ कोफी अन्नान की सरकार और विपक्ष के साथ बातचीत को लेकर उत्सुकता बनी हुई है वहीं हिंसा का दौर भी जारी है.
पिश्चिमी शहर किसुमु और एल्दोरेत में फिर हिंसा के भड़कने का समाचार है. कई लोगों के मारे जाने की भी सूचना है.
इससे पहले विपक्षी नेता मुगाबे वेरे की नैरोबी स्थित उनके आवास के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई. उनकी हत्या के कारणों का पता नही चल पाया है और पुलिस ये जानने का प्रयास कर रही है कि कहीं मामला राजनीति से प्रेरित तो नहीं.
मारे गए नेता मुगाबे वेरे के सुरक्षाकर्मी जोसेफ ओजरो ने बताया कि उन्होंने क्या देखा, "जब मै गेट के क़रीब गया तो मैंने गोली की आवाज़ सुनी. मैंने गेट से झांक कर देखा तो मुझे दो व्यक्ति नज़र आए. मैं चिल्लाने लगा और घर कि मालकिन, वेरे की पत्नी भी चिल्लाने लगीं. इतने में ये लोग भाग गए."
"वेरे की गाड़ी के गेट से टकरा जाने के कारण गेट जाम हो गया था. मैंने गेट को कूद कर देखा तो माननीय सांसद महोदय ज़मीन पर गिरे हुए थे."
उधर अन्नान को उम्मीद है कि अगर राष्ट्रपति किबाकी और विपक्षी नेता ओडिंगा एक साथ मामले के समाधान ढूंढते नज़र आएँ तो हिंसा पर क़ाबू पाया जा सकता है.
विश्व मामलों के हमारे संवाददाता मार्क डॉयल का कहना है कि कीनीया का मौजूदा संकट राजनीति और क़बायली समस्याओं से ग्रस्त है.
राजधानी नैरोबी और आसपास के इलाक़ो में किकुयूस क़बीला का ख़ासा प्रभाव है. इनकी साम्राज्यवादी ताक़तों ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम भूमिका थी और फिर स्वतंत्रता के बाद आर्थिक रूप से फायदा उठाने के मामले में ये सबसे आगे थे.
लेकिन किकुयूस क़बीला, देश के केवल 20 प्रतिशत लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसे में बाकी गुट गठजोड़ बनाने में जुटे रहते हैं.
प्रमुख विपक्षी दल में लुओ क़बीले के लोग है जो कि देश का दूसरा सबसे बड़ा कबीला है.
बीबीसी संवाददाता का कीनिया कि स्थिति के बारे में कहना है कि सड़कों पर चल रही लड़ाई तो क़बीलों के बीच है लेकिन देश के स्तर पर चल रहा गतिरोध और भी पेचीदा है.