बुधवार, 15 नवंबर, 2006 को 14:46 GMT तक के समाचार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफ़ी अन्नान ने नैरोबी में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को संबोधित करते हुए ग्लोबल वार्मिंग यानी तापमान वृद्धि से निपटने में असरदार नेतृत्व की कमी की आलोचना की है.
कोफ़ो अन्नान ने सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों से कहा कि यह समस्या विश्व में हथियारों के प्रसार, युद्ध और ग़रीबी जैसी समस्याओं की तरह ही काफ़ी गंभीर है.
उन्होंने कहा, "इस संबंध में किसी तरह के संदेह तर्करहित और आसामयिक है".
कोफ़ी अन्नान ने इस अवसर पर अफ्री़क़ा के लिए संयुक्त राष्ट्र की छह एजेंसियों की ओर से चलाई जाने वाली संयुक्त परियोजना की घोषणा की. यह परियोजना वन और ऊर्जा से संबंधित है.
बीबीसी के पर्यावरण संवादादता रिचर्ड ब्लैक का कहना है कि इस परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी बाद में उपलब्ध होगी.
संवाददाताओं का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख की हैसियत से यह एक सख़्त भाषा का इस्तेमाल है. ख़ासतौर पर तब जबकि राजनीतक तौर पर महत्वपूर्ण अमरीकी व्हाइट हाउस पर्यावरण मामले पर सकारात्मक रवैया नहीं रखता.
189 देशों के मंत्री इस मुद्दे पर तैयार किए गए मसौदे पर विचार करने वाले हैं. इस मसौदे को पिछले हफ़्ते तैयार किया गया था.
इस सममेलन में पर्यावरण संबंधी कई मुद्दों पर सहमति हो गई है लेकिन अनेक देशों के प्रतिनिधि क्योटो समझौते में तय मसौदे को लागू करने पर विचार विमर्श के लिए समय सीमा तय करने पर सहमत नहीं हो पाए हैं.
इस संबंध में एक महत्वपूर्ण मुद्दा पर्यावरण के कुप्रभाव से बचने के लिए ग़रीब देशों के लिए फंड का प्रबंध करना है.
धनी देशों के एक ग्रुप का कहना है कि इस मामले में संयु्क्त राष्ट्र की एजेंसी को पहल करनी चाहिए. संयु्क्त राष्ट्र की पर्यावरण संबंधी एजेंसी इन परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था करती है.
इधर विकासशील देशों का कहना है कि धनी देशों का रवैया इस मुद्दे पर काफ़ी सख़्त है. इस सम्मेलन में भाग लेने वाले मंत्री अगले तीन दिनों तक जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर विचार विमर्श करेंगे.