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मंगलवार, 18 जुलाई, 2006 को 13:41 GMT तक के समाचार
 
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इंडोनेशिया में सूनामी, 300 से ज़्यादा मरे
 
सूनामी
सूनामी ने एक बार फिर इंडोनेशिया में तबाही मचाई है
इंडोनेशिया में भूकंप और उसके कारण उठी सूनामी लहरों ने एक बार फिर भारी तबाही मचाई है. मरने वालों की संख्या बढ़कर 300 से भी ज़्यादा हो गई है.

सोमवार को आए भूकंप के कारण जावा के दक्षिणी तटीय इलाक़ों में सूनामी लहरों के कारण बड़े पैमाने पर नुक़सान हुआ है. सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है पंगादरान.

बड़ी संख्या में लोग लापता हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ एकाएक सूनामी की ऊँची-ऊँची लहरों के कारण पूरे इलाक़े में पानी भर गया.

प्रभावित इलाक़े में राहत और बचाव कार्य जारी है. इंडोनेशिया की सेना और पुलिसकर्मी भी इलाक़े में पहुँचना शुरू हो गए हैं और बचे हुए लोगों की तलाश जारी है.

दो महीने पहले ही जावा के योग्यकर्ता शहर में आए भूकंप में छह हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे. जबकि दिसंबर 2004 में सूनामी लहरों की विनाशलीला में दो लाख से ज़्यादा लोग मारे गए थे.

इनमें से ज़्यादातर लोग इंडोनेशिया के थे.

लापता

राहत एजेंसियों का कहना है कि सबसे अधिक प्रभावित पंगादरान इलाक़े में अभी डेढ़ सौ लोग लापता हैं.

सोमवार को इंडोनेशिया के जावा प्रांत में ज़बरदस्त भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 7.7 मापी गई.

भूकंप के कारण समुद्र में दो मीटर की ऊँचाई तक सूनामी लहरें उठीं. क़रीब एक मिनट से भी ज़्यादा समय तक भूकंप के झटके महसूस किए गए.

सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि अब इस इलाक़े में फिलहाल कोई और सूनामी नहीं आने वाला है. ऐसी अफवाहें थी कि जावा में फिर सूनामी लहरें उठने वाली हैं जिसके बाद लोग अपने घरों से निकल कर भागने लगे थे.

जावा की इस घटना के बाद भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा गृह मंत्रालय का नियंत्रण कक्ष सूनामी पर नज़र रखे हुए है.

उल्लेखनीय है कि 26 दिसंबर 2004 को आई सूनामी लहरों से भारत समेत 13 देशों में दो लाख से ज़्यादा लोग मारे गए थे. भारत में इसके कारण 10 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

 
 
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