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रूस ने यूक्रेन को चेतावनी दी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
रूस ने यूक्रेन को नैटो सैन्य संधि में शामिल होने के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे दोनों देशों के रिश्ते ख़राब हो सकते हैं. रूसी संसद डूमा ने शून्य के मुक़ाबले 435 मतों के अंतर से एक प्रस्ताव पारित कर यूक्रेन के नैटो में शामिल होने की योजना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. इस बीच यूक्रेन-अमरीका संयुक्त सैनिक अभ्यास के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. राष्ट्रपति विक्टर युशचेन्को चाहते हैं कि संसद जल्दी से सैनिक अभ्यास की राह में क़ानून अवरोध को ख़त्म करे. लेकिन सांसदों की इस बारे में सहमति नहीं है. यूक्रेन की संसद में विदेशी सैनिकों की यूक्रेनी की भूमि पर तैनाती के मुद्दे पर प्रस्तावित मतदान होना था, लेकिन सदन की बैठक को 14 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया. यूक्रेन और अमरीका 12 जून से संयुक्त सैनिक अभ्यास करने वाले हैं. इसमें कई अन्य नैटो देशों के सैनिकों के भी शामिल होने की संभावना है. रिश्तों में कड़वाहट पश्चिम-परस्त विक्टर युशचेन्को जब से यूक्रेन के राष्ट्रपति बने हैं तब से रूस से इस देश के रिश्तों में तनाव और कड़वाहट घुलती आ रही है. बीबीसी के एक संवाददाता के अनुसार यूक्रेन पूर्व सोवियत संघ का गणराज्य रहा है और रूस उसे अब भी अपने प्रभाव वाले देशों में गिनता है. लेकिन यूक्रेन की पश्चिमी मुल्कों के फ़ौजी गठबंधन नैटो में शरीक होने की योजना ने जैसे साँड़ को लाल कपड़ा दिखा दिया हो. रूस के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने तो यहाँ तक कहा कि अगर यूक्रेन और जॉर्जिया नेटो में शामिल होने का फ़ैसला करते हैं तो इससे बहुत ज़बरदस्त भू-राजनीतिक बदलाव सामने आएंगे. | इससे जुड़ी ख़बरें यूक्रेन में सत्ता के लिए रस्साकशी27 मार्च, 2006 | पहला पन्ना रूस-यूक्रेन में समझौता, नई गैस दरें तय04 जनवरी, 2006 | पहला पन्ना नैटो अफ़ग़ानिस्तान में भूमिका बढ़ाएगा08 दिसंबर, 2005 | भारत और पड़ोस नैटो सेना की बागडोर नए हाथों में04 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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