गुरुवार, 09 फ़रवरी, 2006 को 04:17 GMT तक के समाचार
डेनमार्क की सरकार ने देश के कुछ मुस्लिम इमामों के साथ यह कहते हुए संपर्क समाप्त कर दिया है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों के मामले में दुनिया भर में विरोध प्रदर्शनों को उकसाया है.
डेनमार्क सरकार का मानना है कि इन इमामों ने मध्य पूर्व देशों की अपनी यात्रा के दौरान इन कार्टूनों को बढ़ाचढ़ाकर पेश किया जिसके बाद से ही अचानक डेनमार्क विरोधी प्रदर्शन होने लगे.
बीबीसी संवाददाता मैलकम ब्राबैंट का कहना है कि डेनमार्क के कुछ विद्रोहियों ने दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में मध्य पूर्व के कुछ देशों का दौरा किया और वहाँ राजनीतिक और धार्मिक नेताओं से पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों के बारे में शिकायत की.
उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक इमाम अहमद अकारी ने बीबीसी के साथ बातचीत में स्वीकार किया कि इन इमामों के पास पैगंबर मोहम्मद के तीन अतिरिक्त कार्टून थे और उन 12 कार्टूनों से भी ज़्यादा भड़काऊ थे जो अख़बारों में छपे थे.
अकारी ने कहा कि इमामों ने उन कार्टूनों के ज़रिए यह दिखाने की कोशिश की कि डेनमार्क में मुसलमानों के साथ किस तरह का बर्ताव हो रहा है.
अकारी ने यह भी कहा कि उन कार्टूनों का मक़सद मध्य पूर्व के देशों में इस तरह की प्रतिक्रिया पैदा करना नहीं था.
डेनमार्क के एकीकरण मंत्री रिकी व्हिलशोज ने अकारी की बात पर विश्वास करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि अब अगर सरकार मुसलमानों के एकीकरण पर भविष्य में कोई बातचीत करेगी तो उसमें उन इमामों को शामिल नहीं किया जाएगा जिन्होंने यह समस्या खड़ी की है.