बुधवार, 11 जनवरी, 2006 को 20:16 GMT तक के समाचार
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दावा किया है कि क्यूबा स्थित अमरीकी हिरासत केंद्र ग्वांतानामो बे में क़ैदियों के साथ दुर्व्यवहार जारी है.
लंदन स्थित इस मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि ग्वांतानामो बे में अभी भी 500 क़ैदी बिना किसी आरोप या मुक़दमे के बंद हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ग्वांतानामो बे को बंद करने की अपनी मांग भी दोहराई है. इस बीच कनाडा और यमन के एक-एक क़ैदियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा एक ट्राइब्यूनल में जारी है.
लेकिन ऐसे ट्राइब्यूनल पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्या वाकई इनसे क़ैदियों को निष्पक्ष न्याय मिल पाएगा.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 32 वर्षीय बहरीन के नागरिक जुमा अल दोसारी के मामले का ज़िक्र किया है जिन्हें जनवरी 2002 में ग्वांतानामो बे में लाया गया था.
आरोप
उनके वकील का कहना है कि दोसारी पर पेशाब किया गया, उनके सिर को फर्श पर बार-बार पटका गया और बलात्कार की धमकी दी गई. लेकिन अमरीका इस दावे का खंडन करता है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ख़बर है कि दोसारी ने 10 बार आत्महत्या करने की कोशिश की. एक अन्य क़ैदी सूडान के कैमरामैन सामी अल हज के वकील का भी दावा है कि हज के साथ दुर्व्यवहार हुआ.
हज के ब्रितानी वकील क्लाइव स्टैफ़ोर्ड स्मिथ का कहना है कि पिछले चार वर्षों के दौरान अल जज़ीरा में काम करने वाले इस कैमरामैन को शारीरिक, यौन और धार्मिक दुर्व्यवहार के लिए विवश किया गया.
ब्रिटेन में एमनेस्टी इंटरनेशनल के अभियान निदेशक स्टीफ़ेन बॉवेन ने ग्वांतानामो बे की स्थिति को चौंकाने वाला बताया.
उन्होंने कहा, "ग्वांतानामो को लेकर कोई बीच का रास्ता नहीं है. इसे बंद कर देना चाहिए और प्रताड़ना के कई मामलों की जाँच होनी चाहिए जो 2002 के बाद सामने आए हैं."