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शनिवार, 05 नवंबर, 2005 को 16:22 GMT तक के समाचार
 
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फ्रांस में मंत्रियों ने की आपात बैठक
 
हिंसा अब भी जारी है और अब पुलिस ने गिरफ़्तारियाँ शुरु कर दी हैं
फ्रांस के गृह मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर हिंसक घटनाओं में कमी नहीं आई तो दंगाईयों को जेल की सज़ाएं दी जाएंगी.

पेरिस की गलियों में शुरु हुई हिंसा अब देश के कई छोटे मोटे शहरों तक पहुंच गई है जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में चिंता ज़ाहिर की जा रही है.

इसी मुद्दे पर मंत्रियों ने एक आपात बैठक कर के हिंसा को ख़त्म करने के उपायों पर विचार विमर्श किया है.

गृह मंत्री निकोलस सारकोज़ी ने कहा कि सरकार हिंसा को दबाने के लिए वचनबद्ध है.

शनिवार लगातार नौंवे दिन हिंसक घटनाएं हुई हैं जिसमें अब तक नौ सौ से अधिक कारें जला दी गईं और ढाई सौ से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अधिकतर घटनाएं पेरिस के उन इलाक़ों में हुई हैं जहां अरब और अफ्रीकी मूल के लोग रहते हैं. अब ये हिंसा स्ट्रासबर्ग, टोलूस और रेने जैसे इलाक़ों में भी पहुंच गई है.

इस झगड़े की शुरुआत पेरिस के क्लिय सोसबोयस इलाक़ में हुई थी जहां दो युवा पुलिस से बचने की कोशिश में बिजली का झटका लगने से मारे गए थे.

हालांकि पुलिस ने कहा है कि वह इन लड़कों का पीछा नहीं कर रही थी.

शांति मार्च

इससे पहले दिन में शांति बहाल करने के मक़सद से पेरिस के बाहरी इलाक़ों में मार्च निकाला गया.

एक इलाक़े में बड़ी संख्या में लोगों ने मार्च में हिस्सा लिया. स्थानीय मेयर ने लोगों से अपील की वे अपने बच्चों को नियंत्रण में रखे और अँधेरा होने के बाद उन्हें घर से न जाने दें.

उधर पेरिस और आसपास के इलाक़ों में हुई हिंसक घटनाओं के बाद फ़्रांसीसी पुलिस ने ढाई सौ से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया है.

पुलिस बल की तैनाती के बावजूद शुक्रवार को 900 से ज़्यादा वाहनों को आग लगा दी गई और कई स्कूलों और नर्सरियों को भी रातों रात जला दिया गया.

अब तक लगभग 1500 वाहनों को आग लगाकर नष्ट किया जा चुका है.

शांति बहाल करने के लिए शांति मार्च निकाला जाएगा.

हिंसा पुलिस और अफ़्रीकी मूल के फ़ांसीसी युवकों के बीच झड़पों से शुरु हुई और अब फ़्रांस के कई शहरों में फैल गई है. इनमें मर्सई, स्ट्रासबर्ग और टाउलोस शामिल हैं.

फ़्रांस के आंतरिक मंत्री निकोलस सारकोज़ी ने कहा है कि हिंसा के पीछे जो कारण हैं उन्हें कई सालों तक नज़रअंदाज़ किया गया है और इस समस्या को सुलझाने में समय लगेगा.

 हमें ऐसा महसूस हुआ कि हमारी बात सुनी गई है.
 
विद्यार्थी

फ़्रांस के प्रधानमंत्री दामिनिक द विलेपाँ ने उन शहरी इलाक़ों के युवकों से मिलाकात की है जो हिंसा से प्रभावित हैं और उनसे विचार-विमर्श किया है.

वे उन प्रभावित जगहों के लिए एक योजना शुरु करने की कोशिश कर रहे हैं जहाँ ग़रीबी है और आप्रवासी समुदाय के सदस्यों में बेरोज़गारी है.

इनमें से कई लोगों ने प्रधानमंत्री की पहल की तारीफ़ की है.

प्रधानमंत्री से मिलने के बाद एक विद्यार्थी ने एएफ़पी को बताया," हमें ऐसा महसूस हुआ कि हमारी बात सुनी गई है."

लगभग 1500 वाहनों को जलाया जा चुका है

पुलिस की तैनाती

सरकार ने गुरुवार को हज़ारों पुलिस अधिकारियों को पेरिस के उन बाहरी इलाक़ो में तैनात किया था जहाँ हिंसा जारी थी. ये अधिकारी सिएन सेंट देनिस नगर में तैनात किए गए थे जहाँ से हिंसा भड़की थी.

आंतरिक मंत्री निकोलस सारकोज़ी उन दो लड़कों के परिवारों से मिले थे जिनकी मौत के बाद हिंसा भड़की थी.

उन्होंने इन अफ़्रीकी मूल के लड़को की मौत की जाँच करवाने का वादा किया था. उनकी बिजली के झटके लगने से तब मृत्यु हो गई थी जब वे पुलिस से छिप रहे थे.

अमरीका समेत कई देशों की सरकारों ने अपने देश के नागरिकों को बाहरी इलाक़ों से दूर रहने के लिए कहा है.

 
 
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