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अमरीकी सेना ने लंदन यात्रा से रोक हटाई | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
लंदन धमाकों के बाद ब्रिटेन स्थित अमरीकी सेना से संबद्ध हज़ारों लोगों के लंदन जाने पर रोक हटा ली है. ये रोक लंदन में पिछले सप्ताह हुए बम धमाकों के बाद लगाई गई थी. इन सैनिकों और कर्मचारियों के रिश्तेदारों को भी लंदन जाने से बचने का आग्रह किया गया था. अमरीकी वायुसेना ने कहा था कि अपने सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही ये फ़ैसला किया गया. हालाँकि ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन रीड ने बाद में कहा था कि अमरीका अपने फ़ैसले पर दोबारा विचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि ये आदेश ब्रिटेन में रहनेवाले स्थानीय सैन्य अधिकारियों ने जारी किए थे और ये उस समय के हिसाब से सही थे. रोक समझा जाता है कि ब्रिटेन में अभी अमरीकी सेना के लगभग 12000 लोग काम कर रहे हैं. इनमें अधिकतर लोग अमरीकी वायुसेना के हैं जो ब्रिटेन की वायुसेना रॉयल एयर फ़ोर्स के मिल्डेनहॉल और लेकेनहीथ वायुसेना अड्डे पर तैनात हैं. रॉयल एयर फ़ोर्स के मिल्डेनहॉल अड्डे के प्रवक्ता मैट टुलिस का कहना था,"हम अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव क़दम उठा रहे हैं". लेकेनहीथ अड्डे के प्रवक्ता स्टाफ़ सार्जेंट जेफ़ हैम ने कहा,"चूँकि हमला अभी ही हुआ है इसलिए उसके कारण और तरीक़े को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है और ना ही ये पता है कि अभी ख़तरा कितना बड़ा है". प्रवक्ता ने लंदनवासियों से सहानुभूति जताते हुए कहा था कि कई दूसरे लोगों फिर से काम शुरू करना महत्वपूर्ण है लेकिन जबतक ये पता नहीं हो जाता कि असल में हुआ क्या है हमारे सैनिकों को शहर जाने देने से रोकना बेहतर होगा. |
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