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चीन में बर्ड फ्लू की आपात स्थिति | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
चीन ने इस महीने के आरंभ में बर्ड फ्लू से कुछ पक्षियों की मौत के बाद अब इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए कुछ आपात उपायों की घोषणा की है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा है कि इन उपायों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आपात स्तर पर क़दम उठाए जाएंगे. चीन ने अपने यहाँ ऐसे स्थानों से लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी है जहाँ प्रवासी पक्षियों का आना-जाना रहता है और लोगों से अनुरोध किया है कि वे सिर्फ़ देसी पक्षियों के साथ ही अपना संपर्क रखें. बर्ड फ्लू से दक्षिण-पूर्व एशिया में 2003 से 53 लोगों की जानें जा चुकी हैं. चीन के कृषि मंत्रालय ने कहा है कि कुछ प्रवासी पक्षी मई के प्रथम सप्ताह में किंघाई प्रांत में एक दूरदराज स्थान पर मृत पाए गए थे. मंत्रालय के अनुसार ये पक्षी बर्ड फ्लू के एच5एन1 नामक वायरस से मारे गए जो पक्षियों से मानवों में भी पहुँच चुका है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक कृषि मंत्रालय ने अन्य देशों से अनुरोध किया है कि वे "बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत के नए मामलों को गंभीरता से लें और इस महामारी को और फैलने से रोकने के लिए हर संभव उपाय करें." लेकिन अधिकारियों ने साथ ही यह भी कहा कि आम लोगों को इस मामले से चिंतित होने या घबराने की ज़रूरत नहीं है. चीन में पिछले साल जुलाई में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे और उसके बाद से मई में ऐसा यह ताज़ा मामला है. 2003 में बर्ड फ्लू का वायरस सामने आने के बाद से दक्षिण-पूर्व एशिया के आठ देशों में बर्ड फ्लू का ख़तरनाक एच5एन1 वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है जिनमें वियतनाम, थाईलैंड और कंबोडिया शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अब बड़ा ख़तरा ये है कि यह वायरस इनसानों में भी तेज़ी से फैलनी की क्षमता रखता है. |
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