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'चार्ल्स से पहले जन्म का नाता ज़रूर होगा' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ब्रिटेन के युवराज चार्ल्स और कैमिला पार्कर बोल्स की शादी का उत्साह यहाँ लंदन से लेकर दूर भारत तक महसूस किया गया. भारत से या लंदन से भी बहुत ही गिने चुने लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता मिला और हम जैसे लोग तो विंडसर कैसल के इर्द-गिर्द ही चक्कर लगाकर रह गए. मगर मुंबई में लोगों को खाना पहुँचाने वाले, दो डिब्बेवालों को चार्ल्स की ज़िंदगी के इस महत्त्वपूर्ण दिन पर उन्हें बधाई देने का मौक़ा मिला और वो भी उनका हाथ अपने हाथ में लेकर. रघुनाथ मेडगे और सोपान मारे मुंबई के डिब्बेवालों का प्रतिनिधित्व करते हुए इस शादी में शरीक़ हुए. मैं जब शादी के बाद उसी शाम उनसे मिलने पहुँचा तो इस कार्यक्रम में शामिल होने की ख़ुशी उनके चेहरे से झलक रही थी. जैसे ही मैंने पूछा कि शादी में शामिल होकर कैसा लगा तो रघुनाथ का कहना था, “लगा जैसे स्वर्ग ही ज़मीन पर उतर आया हो. इतना बढ़िया माहौल तो कभी देखा ही नहीं और कभी देख भी पाएँगे कि नहीं ये पता नहीं.” वैसे रघुनाथ और सोपान ने चार्ल्स से ख़ुद को कुछ और तरीक़ों से भी जोड़ रखा है. मुझे बड़े ही उत्साह के साथ उन्होंने बताया कि जिस दिन युवराज चार्ल्स के साथ उनकी मुलाक़ात मुंबई में हुई थी उस दिन आषाढ़ी एकादशी थी और जिस दिन उनकी शादी हुई है वो भारतीय नववर्ष है. रघुनाथ के अनुसार, “इससे ही पता चलता है कि दोस्ती कितनी गहरी है. इससे पता चलता है कि हमारा पहले जन्म का कोई नाता ज़रूर होगा. इसलिए हिंदू और ईसाई होकर भी हम दोस्त और भाई जैसे हैं.” याद हैं तोहफ़े मैंने उनसे पूछा कि इस शादी में वो क्या तोहफ़ा लेकर आए हैं तो उनका कहना था कि कुछ हफ्ते पहले उन्होंने कैमिला के लिए साड़ी और चूड़ियाँ भेजी थीं और तोहफ़े में चार्ल्स के लिए पारंपरिक भारतीय पगड़ी शामिल थी.
मगर बात वहीं नहीं रुकी अब शादी में उन्होंने मंगलसूत्र, बिंदी का पैकेट, सिंदूर और तिल के लड्डू दिए हैं. इसके अलावा वे भारतीयों की ओर से नवदंपति के लिए एक बधाई कार्ड भी लेकर पहुँचे थे जो कि तीन रंग का था. रघुनाथ के अनुसार उसमें अंगरेज़ी में लिखा था, “आपको लंबे और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शुभकामनाएँ.” इसके साथ ही रघुनाथ कुछ पंक्तियाँ भी लिखकर लाए थे भले ही उनमें लय ताल नहीं दिखी मगर भाव ज़रूर दोस्ती के थे. उन्होंने लिखा, “शादी करेंगे इंग्लैंड के राजा, डिब्बेवालों ने सौगात प्यार से भेजा और सारी दुनिया के लोग सुनेंगे शाही शादी की मौज और मज़ा.” महारानी एलिज़ाबेथ ने शादी के बाद नवदंपति के सम्मान में एक भोज दिया था जिसमें दोनों की मुलाक़ात चार्ल्स से हुई. सबसे हुई मुलाक़ात सोपान ने बताया कि युवराज ने पत्नी कैमिला, महारानी एलिज़ाबेथ, बेटों विलियम्स और हैरी से भी उन लोगों को मिलवाया.
रघुनाथ के अनुसार युवराज चार्ल्स ने डिब्बेवालों को प्रणाम और सलाम भेजा है. दोनों को ही लंदन शहर की साफ़ सफ़ाई, यहाँ की प्राकृतिक छटा, लोगों का नियम क़ायदे का पालन करना काफ़ी पसंद आया. उनके अनुसार मुंबई में तो इतने लोग हैं और वो इस क़दर बिना नियम क़ायदे के चलते हैं कि भगवान भी ज़मीन पर उतर आएँ तो भी लोगों को सिखा नहीं सकते. सोपान काफ़ी ख़ुश थे कि लंदन में उनकी काफ़ी आवभगत हुई है और राजपरिवार ने उनका काफ़ी ध्यान भी रखा है. दोनों जब लंदन पहुँचे तो उन्हें तो ठंड का अंदाज़ा भी नहीं था इसलिए उनके अनुसार वे गर्म कपड़े भी नहीं लाए और यहीं पर आयोजकों ने उनके लिए गर्म कपड़े ख़रीद दिए. यूँ तो उन्हें शादी के तुरंत बाद ही वापस चले जाना था मगर यहाँ उनकी देखरेख कर रहे लोगों ने उनसे कुछ दिन और रुकने के लिए कहा है और उन्होंने ख़ुशी के साथ उनकी ये बात माँग भी ली है. उनके चेहरे पर संतोष साफ़ झलक रहा था कि जिस मक़सद से वे आए थे वो पूरा हो गया और मैं उनकी रसीली बातों का बाद तक आनंद लेते हुए वापस लौट आया. |
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