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महिला कंडोम से चूड़ियाँ बनाईं | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ज़िम्बाब्वे में कुछ व्यापारियों ने मुनाफ़ा कमाने एक ऐसा अनोखा तरीक़ा निकाला है जिसके बारे में संवाददाताओं का कहना है इससे उनकी रचनात्मकता भी झलकती है. ये रचनात्मक तरीक़ा है महिला कंडोम के छल्लों को चूड़ियों की शक्ल देकर ग्राहकों को आकर्षित करना. दरअसल कुछ व्यापारियों ने महिलाओं द्वारा प्रयोग किए जाने वाले कंडोम के रंग-बिरंगे रबर के छल्लों से चूड़ियाँ बनानी शुरू कर दी हैं और इनकी बिक्री में ख़ासी कमाई हो रही है. दुकानदारों के लिए तो यह धंधा ख़ूब फल-फूल रहा है लेकिन जो लोग अनुदान का सहारा लेकर बनाए गए इन कंडोम को बाँटने का काम करते हैं, उनका कहना है कि इस धंधे पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए. राजधानी हरारे में एक दुकानदार अल्फ्रेड का कहना था, "ये छल्ले बहुत ख़ूबसूरत हैं. उन्हें पहनना मुझे बहुत अच्छा लगता था लेकिन जब मुझे पता चला कि उन्हें कंडोम से बनाया गया तो मैंने उन्हें तुरंत फेंक दिया." "हमें ये कंडोम अस्पतालों और क्लीनिक से मुफ़्त मिलते हैं. हम उनका प्लास्टिक काटकर फेंक देते हैं और छल्ला निकाल लेते हैं. इन छल्लों को हम तरह-तरह के रंगों जैसेकि- गुलाबी, पीले और लाल रंगों में रंग लेते हैं." सरकार एचआईवी-एड्स के ख़िलाफ़ अभियान के तहत कंडोम लोगों को मुफ़्त बाँटती है. एक अनुमान के मुताबिक़ ज़िम्बाब्वे के क़रीब 25 प्रतिशत वयस्क एचआईवी से संक्रमित हैं. ज़िम्बाब्वे दक्षिण अफ्रीका में एक ऐसा देश है जहाँ महिला कंडोम बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किए जाते हैं और हर साल क़रीब दस लाख कंडोम इस्तेमाल होते हैं. एक सहायता एजेंसी पॉपुलेशन सर्सिसेज़ इंटरनेशनल (पीएसआई) महिला कंडोम दवाई की दुकानों और ब्यूटी सैलूनों में बाँटती है. पीएसआई की एक कार्यकर्ता यासमीन मदान का कहना है कि महिला कंडोम पुरुष कंडोम के मुक़ाबले ज़्यादा महंगे बनते हैं इसलिए दानकर्ता देशों का दबाव है कि महिला कंडोम का इस्तेमाल सही तरीक़े से होना चाहिए. यासमीन का कहना था, "जब हम ऐसी कहानियाँ सुनते हैं तो हमें चिंता होती है और हम तुरंत कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं." |
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