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इराक़ में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इराक़ में रविवार को होने वाले आम चुनाव के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं और हिंसा को रोकने के प्रयासों के तहत सीमाएँ सील कर दी गई हैं और हवाई अड्डे भी बंद कर दिए गए हैं. देश की सीमाएँ तीन दिन यानी सोमवार तक बंद रहेंगी. प्रांतों के बीच भी लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है और ज़्यादातर शहरों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है. संवाददाताओं का कहना है कि इन सुरक्षा इंतज़ामों की वजह से आम जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है. बहुत से लोगों का कहना है कि शहरों में भुतहा सन्नाटा छाया हुआ है और लोग चुनाव के मौक़े पर हिंसा की आशंका से डरे हुए हैं. लेकिन विद्रोहियों के हमलों में कोई कमी नज़र नहीं आ रही है. राजधानी बग़दाद के पूर्वोत्तर में ख़नाक़िन में एक कार बम धमाके में पाँच लोगों की मौत हो गई. इससे पहले शुक्रवार को अलग-अलग हमलों में पाँच अमरीकी सैनिक और कम से कम दस इराक़ी मारे गए थे. सुरक्षा इंतज़ामों को और पुख़्ता बनाने के लिए बड़ी संख्या में अमरीकी सैनिक तैनात किए गए हैं. बग़दाद में एक बीबीसी संवाददाता का कहना है कि लोग इन संभावनाओं के बीच राशन-पानी इकट्ठा कर रहे हैं कि उन्हें सड़कों पर आने-जाने की इजाज़त नहीं होगी, ख़ासतौर से आत्मघाती हमलों की आशंका के मद्देनज़र. अमरीकी सैन्य कमांडरों ने आशंका व्यक्त की है कि इराक़ी विद्रोही आम लोगों को मतदान से रोकने के अपने प्रयासों के तहत कुछ गिने-चुने ठिकानों पर हमलों की योजना बना रहे हैं. देश भर में क़रीब 5300 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिन पर 28 हज़ार से ज़्यादा बूथ बनाए जा रहे हैं. चुनाव कार्यक्रम
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