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मंगलवार, 07 दिसंबर, 2004 को 23:25 GMT तक के समाचार

यूक्रेन में चुनाव सुधार पर बहस जारी

यूक्रेन की संसद में बुधवार को एक बार फिर चुनाव क़ानूनों में सुधार के मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए कोशिश की जाएगी.

मंगलवार को संसद के एक विशेष सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच 26 दिसंबर को दोबारा करवाए जाने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बहस हुई.

चुनाव क़ानून में सुधारों को समय पर लागू किए जाने के लिए ये आवश्यक है कि क़ानून 13 दिसंबर तक बना लिए जाएँ.

सोमवार को इस संबंध में दोनों पक्षों के बीच सहमति लगभग होनेवाली थी मगर अंततः छह घंटे तक चली बातचीत विफल रही.

देश की सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद 26 दिसंबर को यूक्रेन में दूसरे दौर के चुनाव दोबारा करवाए जाने हैं.

बहस

संसदीय बहस में निवर्तमान राष्ट्रपति लियोनिद कुचमा ने भाग नहीं लिया.

पर्यवेक्षकों का कहना है कि बहस में दोनों ही पक्ष किसी मुद्दे पर झुकते नज़र नहीं आए.

विपक्ष चाहता है कि चुनाव में धाँधली ना हो सके इसके लिए चुनाव क़ानूनों में कुछ परिवर्तन किए जाने चाहिए.

मगर सरकार और राष्ट्रपति कुचमा का कहना है कि इन बदलावों को संविधान में सुधार किए जाने के समय ही स्वीकार किया जाना चाहिए.

संविधान में प्रस्तावित सुधार के तहत राष्ट्रपति के अधिकारों को कम किया जाना है.

रूस-अमरीका मतभेद

इस बीच रूस और अमरीका के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर मतभेद के कारण यूरोप में सुरक्षा और सहयोग के संबंध में हुए एक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में घोषणापत्र को मंज़ूरी नहीं दी जा सकी.

सम्मेलन में यूक्रेन के सभी पक्षों से कहा जाना था कि वे राष्ट्रपति चुनाव में सहयोग करें.

मगर रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोफ़ ने इसे ये कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि ये यूक्रेन में संकट सुलझाने के लिए जारी प्रक्रिया में दखलंदाज़ी होगी.

साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों पर दोहरे मापदंड रखने का आरोप भी लगाया.

वहीं अमरीका के विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने रूस के इस आरोप को ग़लत बताया कि अमरीका और पश्चिमी देश यूक्रेन के चुनाव पर निगरानी के ज़रिए राजनीतिक जोड़-तोड़ करना चाह रहे हैं.