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रूसी संसद में महत्वपूर्ण विधेयक पारित | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
रूस की संसद ने देश की शासन व्यवस्था में व्यापक सुधारों के प्रस्ताव वाला विधेयक पारित कर दिया है. यह विधेयक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संसद - ड्यूमा, के सामने रखा था और संसद ने इसे पहली बार में ही पारित कर दिया. विधेयक के अनुसार रूस में क्षेत्रीय गवर्नरों का चुनाव नहीं होगा बल्कि संसद ही उनकी नियुक्ति किया करेगी. यह विधेयक उन सुधारों का ही एक हिस्सा है जो बेस्लान के एक स्कूल में हुए बंधक कांड के बाद आतंकवाद से लड़ने के लिए लागू किए जा रहे हैं. जिस दिन संसद में यह विधेयक पारित हुआ उसी दिन रूस की सुरक्षा सेवा के अध्यक्ष ने यह दावा किया कि रूस पर हमले करने के लिए 80 से ज़्यादा आत्मघाती बम हमलावरों को विदेश में प्रशिक्षण दिया गया था. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि क्षेत्रीय नेताओं का चयन चुनाव के ज़रिए ख़त्म करना आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण क़दम है. उन्होंने कहा कि यह क़दम देश की एकता, मज़बूती और सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है. जब संसद में इस विधेयक पर बहस करने की तैयारी हो रही थी तभी इसका विरोध करने के लिए 200 से ज़्यादा लोग संसद भवन के बाहर जमा थे. प्रदर्शनकारियों ने विधेयक के विरोध में नारेबाज़ी की. संसद के अंदर अधिकारियों ने ऐसी तस्वीर पेश की कि देश पर हमले हो रहे हैं. रूस के सुरक्षा प्रमुख ने दावा किया कि दर्जनों आत्मघाती हमलावरों को देश के अंदर हमले करने के लिए विदेशों में प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि देश में और आतंकवादी कार्रवाइयाँ नहीं होने की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती. संसद की इसी बैठक में रूस के प्रोसीक्यूटर जनरल ने एक ऐसा क़ानून बनाने की मांग भी रखी जिसमें बंधक बनाने वालों या अपहर्ताओं के साथ “जैसे को तैसा” वाला व्यवहार किया जाएगा. उन्होंने इसका मतलब यह बताया कि अगर फिर कभी बेस्लान जैसी घटना हो तो बंधक बनाने वालों के परिवार वालों को गिरफ़्तार किया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में सिर्फ़ कूटनीति से काम नहीं चलेगा. |
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