http://www.bbcchindi.com

रविवार, 08 अगस्त, 2004 को 22:19 GMT तक के समाचार

चलाबी के ख़िलाफ़ वारंट जारी

इराक़ के एक जज ने किसी समय राष्ट्रपति पद के दावेदार माने जा रहे प्रमुख नेता अहमद चलाबी और उनके भतीजे के ख़िलाफ़ ग़िरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया है.

इराक़ी शासकीय परिषद के प्रभावशाली सदस्य रहे अहमद चलाबी के ख़िलाफ़ कथित आर्थिक घपलों के लिए वारंट जारी किया गया है जबकि उनके भतीजे सलेम चलाबी को हत्या के एक मामले में अभियुक्त बनाया गया है.

दिलचस्प बात ये है कि सलेम चलाबी उस न्यायाधिकरण के प्रमुख हैं जो सद्दाम हुसैन के ख़िलाफ़ चल रहे मुक़दमे की सुनवाई कर रहा है.

इस समय अहमद और सलेम चलाबी, दोनों ही देश से बाहर हैं और उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए, इसे राजनीति से प्रेरित क़दम बताया है.

अहमद चलाबी सद्दाम हुसैन के सत्ता से हटने के बाद कुछ समय तक इराक़ी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के क़रीबी थे और माना जा रहा था कि रक्षा मंत्री डॉनल्ड रम्सफ़ेल्ड उन्हें इराक़ का राष्ट्रपति बनवाना चाहते हैं.

लेकिन कट्टरपंथी ईरानी नेतृत्व से निकटता और अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसियों को ग़लत जानकारी उपलब्ध कराने के शक के कारण अमरीकी प्रशासन ने अपने विश्वसनीय लोगों में सूची में से उनका नाम काट दिया.

अहमद चलाबी ने कहा कि उन्होंने वारंट के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया गया है लेकिन उन्हें इसकी ख़बर समाचार माध्यमों के ज़रिए मिली है.

इस समय ईरान का दौरा कर रहे चलाबी ने अमरीकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, "मैं हर मोर्चे पर मुक़ाबला करूँगा और इन आरोपों को झूठा साबित कर दूँगा."

आरोप

वारंट जारी करने वाले जज मोहम्मद मालिकी ने एक रेडियो स्टेशन को इंटरव्यू देते हुए कहा कि अहमद चलाबी पर नकली नोट छापने और चलाने का आरोप है, जज के शब्दों में अहमद चलाबी इस मामले में मुख्य अभियुक्त हैं.

जज ने कहा, "इन लोगों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जाएगी और सबूतों की पड़ताल होगी, उसके बाद अगर पर्याप्त सबूत हुए तो मुक़दमा चलाया जाएगा."

अहमद चलाबी के ख़िलाफ़ जारी किए गए वारंट को उनकी कमज़ोर राजनीतिक स्थिति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

इराक़ पर अमरीकी हमले के बाद पेंटागन ने जिन चंद लोगों को बग़दाद पहुँचाया था उनमें चलाबी प्रमुख थे, इससे पहले वे लगभग दो दशक तक अमरीका में निर्वासन में रहे थे.

लेकिन सद्दाम हुसैन को अपदस्थ किए जाने के बाद सत्ता के लिए शुरू हुई होड़ में उनके संबंध अमरीकी अधिकारियों से ख़राब होते चले गए.

दो महीने पहले इराक़ी पुलिस और अमरीकी सैनिकों ने चलाबी के घर और उनकी पार्टी के दफ़्तर पर छापा मारा था, इसके बाद उनकी राजनीतिक पार्टी इराक़ी नेशनल काँग्रेस को मिलने वाली मोटी आर्थिक सहायता भी बंद कर दी गई थी.