|
ठोस काम के बाद ही यक़ीन होगा-पॉवेल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीका के विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने फ़लस्तीनी राष्ट्रपति यासिर अराफ़ात और फ़लस्तीनी प्रधानमंत्री अहमद कुरई के बीच मंगलवार को हुए समझौते पर ठंडी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमरीका को सिर्फ़ बातों से नहीं बल्कि ठोस क़दमों से ही विश्वास होगा कि फ़लस्तीनी प्रशासन आपसी रिश्ते बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है. कॉलिन पावेल ने काहिरा जाते समय कहा यासिर अराफ़ात के बारे में कहा कि "वे बार-बार अपने बयान बदलते रहते हैं." काहिरा में वे मिस्र के नेताओं से मिलने जा रहे हैं, जहाँ संभावना है कि मिस्र की ओर से फलस्तीनियों को मिलने वाली मदद पर चर्चा होगी. पॉवेल ने कहा, "हम कार्रवाई होते देखना चाहते हैं और जब हम देखेंगें कि सुरक्षा बलों पर प्रधानमंत्री का असल नियंत्रण है और वे उन्हें दोबारा प्रभावी बना रहे हैं और आतंकवाद के ख़िलाफ़ क़दम उठा रहे हैं तभी हम संतुष्ट होंगें." अमरीकी विदेश मंत्री इस समय मिस्र के दौरे पर हैं और संभावना है कि फ़लस्तीन में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और ग़ज़ा से इसराइल की वापसी, मिस्री नेताओं के साथ उनकी बातचीत के प्रमुख विषय होंगे. पॉवेल के अनुसार वे मिस्री नेताओं से ये भी जानना चाहेंगें कि ग़ज़ा में नियंत्रण लेने और वहाँ सुरक्षा व्यवस्था तथा राजनीतिक व्यवस्था क़ायम करने के लिए फ़लस्तीनी कितने तैयार हैं. समझौता इससे पहले फ़लस्तीनी प्रधानमंत्री अहमद कुरई यासिर अराफ़ात से मुलाक़ात के बाद अपना इस्तीफ़ा वापस ले लिया. उनके इस फ़ैसले से दो सप्ताह से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया, विवाद इस बात पर छिड़ा था कि फ़लस्तीनी सुरक्षा व्यवस्था और ख़ुफ़िया तंत्र किसके हाथ में है. ग़ज़ा पट्टी में यासिर अराफ़ात का समर्थन करने वाले गुट फ़तह के हथियारबंद लोगों ने व्यवस्था पर नियंत्रण करने की कोशिश की थी जिसके बाद अहमद कुरई ने इस्तीफ़ा दे दिया था. दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद बताया गया है कि यासिर अराफ़ात ने पुलिस बलों का नियंत्रण प्रधानमंत्री के हाथों में सौंप दिया है. लेकिन ख़ुफ़िया और राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा का नियंत्रण अब भी अराफ़ात के हाथ में रहेगा, यह संगठन पुलिस बल से कहीं अधिक शक्तिशाली और प्रभावी है. अहमद कुरई ने फ़लस्तीनी नेता अराफ़ात से मुलाक़ात के बाद कहा, "राष्ट्रपति अराफ़ात ने मुझमें विश्वास व्यक्त किया है, उन्होंने मेरे इस्तीफ़े को नामंज़ूर कर दिया है, मैं अपना काम करता रहूँगा, आशा है कि हम मिलकर काम करते रहेंगे." |
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||