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चलाबी के घर पर अमरीकी सेना का छापा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीकी और इराक़ के सुरक्षाकर्मियों ने बग़दाद में इराक़ी नेता अहमद चलाबी की पार्टी के मुख्यालय और उनके घर पर छापा मारा है. बग़दाद में बीबीसी के संवाददाता डेविड विल्स का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों ने छापे में कंप्यूटर और दस्तावेज़ बरामद किए हैं. संवाददाताओं का कहना है कि अहमद चलाबी को तो गिरफ़्तार नहीं किया गया लेकिन उनके कुछ समर्थकों को अमरीकी सेना साथ ले गई है और कुछ और समर्थकों को ढूँढा जा रहा है. एक संवाददाता सम्मेलन में अहमद चलाबी ने कहा कि इराक़ी पुलिस उनके घर एक 'फ़र्ज़ी वॉरंट' लेकर पहुँची थी. उनका दावा है कि पुलिस को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है. अमरीका की आलोचना अहमद चलाबी को एक समय अमरीकी रक्षा मंत्रालय इराक़ के संभावित राष्ट्रपति के रूप में देख रहा था. बीबीसी के अरब मामलों के विश्लेषक मगदी अब्दलहादी कहते हैं कि अमरीका अहमद चलाबी को इसीलिए पसंद करता था क्योंकि वो पाश्चात्य देशों की सोच से सहमत नज़र आते हैं, धर्म निरपेक्षता में उनका विश्वास है और वो इराक़ के ज़्यादातर लोगों की तरह शिया हैं. लेकिन हाल के महीनों में अहमद चलाबी खुलकर अमरीकी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं. ख़ासतौर पर उनका मानना है कि अमरीका को इतनी जल्दी सत्ता का हस्तांतरण नहीं करना चाहिए. बीबीसी संवाददाता कहते हैं कि अमरीका ये भी समझ रहा है कि शुरू से ही अरब मीडिया में अहमद चलाबी को अमरीका के एक क़रीबी के रूप में देखा जाता रहा है और आज भी वो इराक़ की आम जनता के दिल में जगह नहीं बना पाए हैं. अमरीका के अहमद चलाबी के साथ मोहभंग का पहला बड़ा संकेत तब मिला जब इसी हफ़्ते पेंटागन ने घोषणा की कि वो चलाबी की पार्टी को हर महीने दिए जानेवाले साढ़े तीन लाख डॉलर की राशि पर रोक लगा रहा है. |
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