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परमाणु प्रसार रोकने सहयोग मांगा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की अपील की है. वाशिंगटन में नेशनल डिफ़ेंस यूनिवर्सिटी में भाषण करते हुए बुश ने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय समझौतों को मज़बूत करने की भी माँग की. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र परमाणु प्रसार को ग़ैरक़ानूनी बनाए. बुश ने कहा कि ऐसे देशों पर रोक लगाने की ज़रूरत है जो परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के नाम पर परमाणु हथियार के उपकरण विकसित करते हैं. राष्ट्रपति बुश ने इस बारे में पाकिस्तान का ख़ास तौर पर ज़िक्र किया जहाँ परमाणु वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल क़दीर ख़ान का मामला सामने आया है. अब्दुल क़दीर ख़ान ने ईरान, उत्तर कोरिया और लीबिया को परमाणु तकनीक देने की बात स्वीकार की थी लेकिन बाद में राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने उन्हें माफ़ी दे दी. राष्ट्रपति बुश ने कहा कि पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि वे इस बारे में उन्हें सारी सूचनाएँ देंगे. परमाणु संधियाँ उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि परमाणु अप्रसार की दिशा में बनी संधियों को मज़बूत करने की ज़रूरत है. बुश ने कहा कि ईरान और उत्तर कोरिया ने यूरेनियम के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के नाम पर अपने परमाणु कार्यक्रमों का विस्तार किया लेकिन अब इसे रोकने की आवश्यकता है. राष्ट्रपति बुश ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के कामकाज के तरीक़े पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ईरान जैसे जिन देशों पर क़ानून तोड़ने के आरोप हैं, उन्हें ऐसी समितियों में क़तई जगह नहीं मिलनी चाहिए जहाँ बैठकर क़ानून लागू कराए जाते हैं. राष्ट्रपति बुश ने इंटरपोल जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी अपील की कि वे परमाणु तकनीक और पदार्थों की तस्करी रोकने में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम अमरीका और उसके सहयोगी देशों के लिए ख़तरा हैं. रोक बुश ने ज़ोर देकर कहा कि सद्दाम हुसैन की सत्ता को हटाने से महाविनाश के हथियारों के प्रसार पर रोक लगी है. उन्होंने लीबिया के राष्ट्रपति कर्नल क़द्दाफ़ी के उस फ़ैसले की सराहना की जिनमें उन्होंने परमाणु हथियार कार्यक्रम ख़त्म करने की ख़ुद पहल की थी. बुश ने उम्मीद जताई कि अन्य देश भी ऐसा करेंगे अन्यथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया जाएगा और उन्हें आर्थिक पाबंदी और अन्य नतीजे भुगतने पड़ेंगे. बुश ने कहा, "मानवता के सामने इस समय बड़ा ख़तरा रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों से है. हमें खुली आँखों से इन ख़तरों से निपटना होगा." उन्होंने कहा कि अमरीका ऐसी आतंकवादी और ख़तरनाक सरकारों को यह मौक़ा नहीं देगा कि वे ख़तरनाक हथियारों से उसे डराएँ. |
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