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बुश पर जाँच का बढ़ता दबाव

अमरीका सरकार पर इराक़ के हथियारों के बारे में युद्ध से पहले ख़ुफ़िया विभाग की ओर से दी गई जानकारी की जाँच कराने का दबाव बढ़ रहा है.

डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी चाहने वाले सभी प्रत्याशी इस जाँच का समर्थन कर रहे हैं.

इसके अलावा राष्ट्रपति बुश की रिपब्लिकन पार्टी के एक सीनेटर जॉन मैकेन ने भी पार्टी के रूख़ से अलग हटकर पूरी जाँच की माँग की है.

अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने कहा है कि वह इराक़ मे महाविनाश के हथियारों के बारे में ठोस जानकारी चाहते हैं मगर इसके लिए कोई जाँच नहीं बैठाई जाएगी.

वॉशिंगटन में मौजूद बीबीसी संवाददाता जस्टिन वेब का कहना है कि अमरीका सरकार भले ही धीरे-धीरे सही मगर ये मानने की ओर बढ़ ही रही है कि इराक़ के हथियारों के बारे में युद्ध से पहले जो भी दावे किए गए थे वे ग़लत थे.

अमरीका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक़ आ रहा है वैसे-वैसे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार इसे एक चुनावी मसला बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

एरिज़ोना से रिपब्लिकन पार्टी के प्रभावशाली सीनेटर जॉन मैकेन ने भी जाँच की माँग कर दी है और इससे बुश प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है.

क्यों नहीं मिले हथियार?

इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति बुश ने कहा कि इराक़ में महाविनाश के हथियार अभी तक क्यों नहीं मिले हैं, वे इस बारे में साफ़ तथ्य चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि जब इस तरह की ख़ुफ़िया सूचनाएं मिली थीं कि सद्दाम हुसैन के पास महाविनाश के हथियार थे तो वे अभी तक मिले क्यों नहीं हैं.

गुरूवार को राष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोंडोलीज़ा राइस ने कहा था कि महाविनाश के हथियारों संबंधी सूचनाएं ग़लत हो सकती हैं लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इराक़ पर हमले को सही ठहराया कि इराक़ से ख़तरा बढ़ने लगा था.

अमरीका के पूर्व हथियार विशेषज्ञ डेविड के ने भी कहा है कि इराक़ में प्रतिबंधित हथियारों के नामोनिशान नहीं मिले हैं और वह भी व्यापक जाँच की माँग कर हैं.

इससे पहले तक अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश कहते रहे हैं कि महाविनाश की क्षमता वाले हथियार जल्दी ही मिल जाएँगे.

मगर उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोंडोलीज़ा राइस ने कई साक्षात्कार दिए हैं जिनमें वह युद्ध से पहले मिली ख़ुफ़िया जानकारी में गड़बड़ी की संभावना स्वीकार कर रही हैं.

जबकि इराक़ पर हमले के लिए अमरीका ने प्रमुख वजह यही बताई थी कि वहाँ महाविनाश की क्षमता वाले हथियार मौजूद हैं.

अमरीका अभी तक यही कहता रहा है कि इराक़ में महाविनाश के हथियारों को ढूँढ निकाला जाएगा.

सरकार ने इराक़ सर्वे ग्रुप भी गठित किया था जिसने वहाँ महीनों की जाँच-पड़ताल के बाद ग्रुप के अध्यक्ष डेविड के ने इस्तीफ़ा दे दिया है.

डेविड के ने कहा है कि इराक़ में महाविनाश के हथियारों के कोई सबूत नहीं हैं.