पहले विश्व युद्ध की सबसे ख़ूनी जंग

जर्मनी के विरुद्ध ब्रिटेन-फ़्रांस ने लड़ी थी 'बैटल ऑफ द सॉम.'

'बैटल ऑफ द सॉम' का खूनी संघर्ष

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इमेज कैप्शन, पहले विश्व युद्ध की सबसे खूनी लड़ाई 'बैटल ऑफ द सॉम' में 10 लाख़ से ज्यादा सैनिक मारे गए थे. क़रीब पांच महीने तक चली इस लड़ाई में ब्रिटेन और फ़्रांस की सेनाओं ने मिलकर जर्मनी की सेना से युद्ध किया. ब्रिटिश सेना लड़ने के लिए एक जुलाई 1916 को गई थी. ये ब्रिटिश सेना के इतिहास का सबसे ख़ूनी दिन था. इसमें 57,470 सैनिक हताहत हुए. इनमें से 19,240 सैनिकों की मौत हो गई. डेढ़ साल की निर्रथक लड़ाई के बाद किसी नतीज़े तक पहुंचने के लिए ब्रितानी और फ्रेंच सेनाओं ने 'बैटल ऑफ द सॉम' की लड़ाई लड़ी.
'बैटल ऑफ द सॉम' की शताब्दी

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इमेज कैप्शन, जनरल सर डगलस हेग ने ब्रिटिश सेना की अगुवाई की थी. सेना में कई स्वयंसेवक भी थे. इन लोगों ने पश्चिमी मोर्चे पर लड़ाई लड़ी.
'बैटल ऑफ द सॉम' की शताब्दी

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इमेज कैप्शन, 'बैटल ऑफ द सॉम' की लड़ाई से एक हफ़्ते पहले ब्रिटिश सेनाओं ने जर्मनी की सेना पर तोप से हमले किए. कई खानों में विस्फोट किया. इनमें होथर्न रिज भी शामिल था.
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इमेज कैप्शन, लेकिन सुरक्षित पनाहगाहों की वजह से जर्मनी की सेना को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. जब तोपों के हमले रुके तो मशीन गनों से लैस जर्मन सेना बाहर निकली. उसने आगे बढ़ती दुश्मन की सेना पर गोलियों की बौछार कर दी. इससे उन्हें भारी नुक़सान हुआ.
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इमेज कैप्शन, ख़राब संचार व्यवस्था के कारण कमांडरों को पता ही नहीं चल पा रहा था कि युद्ध क्षेत्र में क्या हो रहा है. पहले न्यूफाउंडलैंड रेजिमेंट (तस्वीर में दिख रहे जवान नहीं) उस समय क़रीब-क़रीब तबाह हो गई जब वो नो मैंस लैंड की तरफ बढ़ रहे थे. अपने फ्रंटलाइन तक पहुंचने से पहले उन्हें गोलियों से भून डाला गया.
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इमेज कैप्शन, युद्ध का कोई नतीजा न निकलता देख हेग ने सॉम को एक थकाऊ युद्ध माना. मशीन गनों से दोनों तरफ की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
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इमेज कैप्शन, ब्रिटिश सेना को शुरू में रणनीतिक सफलता मिली. सॉम में लड़ने की वजह से जर्मन सेना को वरदुन में फ्रेंच सेना के खिलाफ पांच महीनों से जारी लड़ाई को रोकनी पड़ी. हालांकि वहां लड़ाई दिसंबर तक चलती रही. इसमें फ्रांस को मज़बूती मिली.
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इमेज कैप्शन, बिना किसी नतीज़े के लड़ाई चलती रही. किसी भी तरफ़ की सेना को इसमें कोई ख़ास बढ़त नहीं मिली. ब्रितानी सेना 15 जुलाई से 14 सितंबर के बीच की लड़ाई में क़रीब 82 हज़ार सैनिकों के हताहत होने के बाद भी केवल 900 मीटर ही आगे बढ़ पाई.
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इमेज कैप्शन, गठबंधन सेना ने अंतिम बार 15 सितंबर से अपने अभियान को तेज़ करना शुरू किया. इसी दौरान पहली बार युद्ध में टैंकों का इस्तेमाल किया गया. जर्मन सेना को पीछे हटने के लिए बाध्य होना पड़ा. इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका.
'बैटल ऑफ द सॉम' की शताब्दी

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इमेज कैप्शन, ख़राब मौसम की वजह से अधिकांस युद्ध क्षेत्र दलदल में बदल रहा था. कीड़ों-मकोड़ों से भरी खाइयां बीमारियों के लिए मुफीद थीं. आख़िरकार 18 नवंबर को युद्ध रोकना पड़ा.
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इमेज कैप्शन, जर्मनी के खिलाफ ब्रिटिश और फ्रेंच सेनाएं बहुत कम बढ़त बना सकीं. इसमें 10 लाख़ से ज़्यादा सैनिक हताहत हुए. भले ही बहुत लोग हेग की रणनीति की आलोचना करते हों. लेकिन ज्यादातर इतिहासकार मानते हैं की सॉम की लड़ाई ने जर्मन सेना को थका दिया. मित्र देशों को 1918 में मिली जीत की बुनियाद यहीं से पड़ी.