दिल्ली में हुए पांच दिवसीय शास्त्रीय संगीत उत्सव में देश के अग्रणी शास्त्रीय गायकों ने प्रस्तुति दी.
इमेज कैप्शन, 'डेल्ही सेलिब्रेट्स' द्वारा पांचवें, पांच दिवसीय शास्त्रीय संगीत उत्सव की शुरुआत गुंदेचा बंधुओं पंडित उमाकांत और रमाकांत गुंदेचा के ध्रुपद गायन से हुई. पखावज पर अखिलेश गुंदेचा ने संगत की.
इमेज कैप्शन, प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित उल्हास कशालकर का संबंध ग्वालियर, आगरा और जयपुर घरानों से है. इन्हें इन तीनों घरानों की गायकी का प्रामाणिक प्रतिनिधि माना जाता है.प्रस्तुति से पहले रियाज़ करते पंडित उल्हास कशालकर शिष्यों के साथ.
इमेज कैप्शन, किराना घराना से संबद्ध प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित अजय पोहानकर ने महज पांच साल की उम्र से गायन शुरू कर दिया था. इस कार्यक्रम में इन्होंने राग यमन से शुरुआत की. इसके बाद अपनी माँ द्वारा संगीतबद्ध ठुमरी 'सजनवा तुम क्या जानो प्रीत' से सुनने वालों को मुग्ध कर दिया.
इमेज कैप्शन, रामपुर-सहसवान घराना के उस्ताद राशिद ख़ान तराना के माहिर हैं. ये उस्ताद इनायत हुसैन ख़ान के पोते हैं और इन्होंने उस्ताद निसार हुसैन ख़ान के सानिध्य में शास्त्रीय गायकी का हुनर सीखा.
इमेज कैप्शन, युवा शास्त्रीय गायक भुवनेश मुकुल कोमकली को संगीत की परंपरा विरासत में मिली है. ये सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित कुमार गंधर्व के पोते और मुकुल शिवपुत्र के पुत्र हैं. इस संगीत उत्सव में इन्होंने गायन की शुरुआत राग बिहाग की बंदिशों से की.
इमेज कैप्शन, 1908 में जन्मे ग्वालियर घराने के सुपरिचित गायक अब्दुल राशिद ख़ान को देखकर तो लगता है कि उनकी उम्र 106 साल है, पर उनकी गायकी इस यक़ीन को झुठला देती है. उन्हें सुनने वालों की ज़ुबान से बस एक ही शब्द निकलता है 'अद्भुत'. भारतीय शास्त्रीय गायन में अब्दुल राशिद ख़ान सबसे उम्रदराज़ गायक हैं.
इमेज कैप्शन, प्रसिद्ध वॉयलिन वादक अनुप्रिया देवताले का वॉयलिन वादन का अपना अलहदा अंदाज़ है. इन्होंने वॉयलिन पर राग भीमपलासी बजाया. अनुप्रिया देवताले उस्ताद अमज़द अली ख़ान और पंडित मुकेश शर्मा की शिष्या हैं.
इमेज कैप्शन, श्री प्रेम कुमार और पी वेत्री भूपती ने मृदंगम में जुगलबंदी की. श्री प्रेम कुमार तमिलनाडु की कुम्बकोणम नचियार कॉइल के संगीतकार परिवार से आते हैं और पिछले 20 साल से दिल्ली तमिल संगम में संगीत सिखा रहे हैं. पी वेत्री भूपती इनके शिष्य हैं.
इमेज कैप्शन, पंडित नरेंद्रनाथ धर सेनिया घराना के प्रतिनधि सरोदवादक हैं. इन्होंने राग पूरिया से शुरुआत की और अंत में राग मिश्र पीलू बजाया. आपका आलाप, इकहरी तान, झाला व ताल और लय का अद्भुत नियंत्रण श्रोता को मंत्रमुग्ध कर देता है.
इमेज कैप्शन, संगीत उत्सव का समापन पंडित जसराज के गायन से हुआ. शास्त्रीय संगीत के मार्तण्ड माने जाने वाले पंडित जसराज के गायन की आध्यात्मिक अनुभूति ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया. पंडित जसराज जसरंगी संगीत के रचयिता हैं और इन्होंने 300 से अधिक बंदिशों की रचना की हैं. (सभी तस्वीरें और कैप्शन- प्रीती मान)