''वो मुझे मार सकते थे, गीता और क़ुरान जैसी पवित्र चीज़ें नहीं जलानी थी''
मैसूर निवासी सैयद इसाक़ बीते कई सालों से एक लाइब्रेरी चला रहे हैं. कुछ दिन पहले अज्ञात लोगों ने उनकी लाइब्रेरी में आग लगा दी.
आग लगाने वाले लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है. मैसूर पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है.
सोशल मीडिया में ख़बर आने के बाद इसाक़ को मदद मिल रही है और 20 लाख रुपये जमा हो चुके हैं.
वीडियोः इमरान क़ुरैशी, बीबीसी के लिए
एडिटः देवाशीष कुमार
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