ऊर्जा संकट से निपटने के लिए यूरोप क्या कर रहा है?

यूरोपीय संघ ने तेल-गैस और कोयले के बढ़ते दामों से निपटने के लिए क़दम उठाए हैं. तेल-गैस और कोयले की बढ़ती कीमतों का प्रभाव उद्योग-धंधों पर पड़ रहा है. आम लोगों के लिए घरों में लगे हीटिंग सिस्टम को चलाना मंहगा पड़ रहा है.

लाइव कवरेज

कीर्ति दुबे, पवन सिंह अतुल and विभुराज

  1. ऊर्जा संकट से निपटने के लिए यूरोप क्या कर रहा है?

    यूरोपीय संघ के ऊर्जा मामलों की कमिश्नर कादरी सिम्सन

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    इमेज कैप्शन, यूरोपीय संघ के ऊर्जा मामलों की कमिश्नर कादरी सिम्सन

    यूरोपीय संघ ने तेल-गैस और कोयले के बढ़ते दामों से निपटने के लिए क़दम उठाए हैं. तेल-गैस और कोयले की बढ़ती कीमतों का प्रभाव उद्योग-धंधों पर पड़ रहा है.

    आम लोगों के लिए घरों में लगे हीटिंग सिस्टम को चलाना मंहगा पड़ रहा है.

    यूरोपीय संघ के ऊर्जा मामलों की कमिश्नर कादरी सिम्सन ने सदस्य देशों से कहा है कि वो नए कर लगाएं और बढ़ी कीमतों से लोगों को बचाने के लिए सब्सिडी की व्यवस्था करें.

    उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ इसकी संभावना तलाश करेगा कि क्या वो साझा तौर पर गैस के कुएं ख़रीद सकता है.

    संघ की कमिश्नर ने साथी मुल्कों से कहा कि वो जल्द से जल्द अक्षय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दें.

    पुतिन

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    पुतिन का बयान

    उधर, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है यूरोपीय देशों को गैस की ऊंची कीमतों के लिए रूस को इल्जाम नहीं देना चाहिए.

    पुतिन ने कहा कि गर्मियों में वो अपने स्टॉक जमा नहीं कर सके.

    रूसी राष्ट्रपति का कहना था कि फिलहाल गैस की जो कमी है, उसकी वजह यूरोप में इसको लेकर की गई जटिल व्यवस्था है.

    उन्होंने कहा कि ऊर्जा के लिए वहां कई तरह के साधनों का इस्तेमाल होता है जैसे पवन ऊर्जा, जिससे दिक्कतें पैंदा होती हैं.

    मॉस्को मे बोलते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई कीमतें निर्यातकों पर भी नकारात्मक असर डालते हैं, क्योंकि वो भी बाज़ार में स्थायित्व चाहते हैं.

  2. जी-20 की बैठक बाद अमेरिका और यूरोप से तालिबान ने क्या कहा

    तालिबान

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    तालिबान ने अमरीका और यूरोपीय देशों को आगाह किया है कि उनकी हुकूमत को आर्थिक प्रतिबंध लगाकर कमजोर करने की कोशिशें वैश्विक सुरक्षा पर असर डाल सकती हैं और इससे बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन शुरू हो सकता है.

    अफ़ग़ानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने दानकर्ता देशों से कहा है कि वो आर्थिक प्रतिबंध हटाएं ताकि अफ़ग़ान बैंक की संपत्ति पर लगा फ्रीज ऑर्डर हटे और कामगारों को तनख्वाह दी जा सके.

    ये बयान दुनियां की बीस बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की बैठक के बाद आया है जिसने देश में उपज रहे मानवीय संकट से निबटने का फैसला लिया गया है.

    लेकिन उन देशों का कहना है कि तालिबान को मानवाधिकारों का आदर करना होगा.

  3. लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्र की ज़मानत याचिका ख़ारिज, दो अभियुक्त तीन दिन के पुलिस रिमांड पर,

    पुलिस की हिरासत में आशीष मिश्र

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    लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र की ज़मानत याचिका बुधवार को सीजेएम चिंताराम ने ख़ारिज कर दी.

    इसकी जानकारी देते हुए लोक अभियोजक एसपी यादव ने बताया, "हमने कोर्ट में दलील दी कि मामले की अभी तहकीकात चल रही है, सबूतों को मिटाया जा सकता है, इसलिए उसे ज़मानत नहीं दी जा सकती."

    आशीष मिश्र के वकीलों ने अदालत के सामने ज़मानत की अर्ज़ी दी थी और सुनवाई के बाद उसे ख़ारिज कर दिया गया. उनके साथ एक अन्य आरोपी आशीष पांडेय की भी ज़मानत याचिका भी कोर्ट ने नामंजूर कर दी.

    उधर, यूपी पुलिस की एसआईटी टीम ने बुधवार को आशीष मिश्र से पूछताछ का सिलसिला जारी रखा. आशीष मिश्र की पुलिस रिमांड 15 अक्टूबर को सुबह दस बजे ख़त्म होगी.

    एसआईटी की टीम ने इस मामले में आशीष मिश्र के मित्र और क़रीबी सहयोगी अंकित दास और लतीफ़ को बुधवार को गिरफ़्तार किया.

    अंकित दास की फॉर्च्यूनर गाड़ी उस काफ़िले में शामिल थी जिन पर किसानों को रौंदने का आरोप है.

    आशीष मिश्र के मित्र और क़रीबी सहयोगी अंकित दास

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    अदालत ने पहले तो इन दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का फ़ैसला सुनाया लेकिन पुलिस रिमांड की मांग पर सुनवाई करते हुए इन दोनों को 15 अक्टूबर की सुबह 10 बजे से 17 अक्टूबर की सुबह दस बजे तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया.

    लोक अभियोजक एसपी यादव ने इन दोनों के पुलिस रिमांड की मांग करते हुए कहा था कि इन दोनों की पुलिस रिमांड इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इन्हें मौका-ए-वारदात पर ले जाकर क्राइम सीन रिक्रिएट करने की ज़रूरत है.

    लखीमपुर खीरी मामले में अब तक कुल छह आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी हैं. जिसमें आशीष मिश्र के अलावा आशीष पांडेय, लतीफ़, अंकित दास, लवकुश और शेखर भारती शामिल हैं.

    इन सभी पर उस काफ़िले में जा रही तीनों गाड़ियों में मौजूद होने का आरोप है कि जिन पर तीन अक्टूबर को तिकुनिया गांव में प्रदर्शन कर रहे चार किसानों और एक पत्रकार को कुचलने का आरोप है.

    इस हादसे में पांचों लोगों की मौत हो गई थी. किसानों को रौंदने के बाद हुई हिंसा में दो बीजेपी कार्यकर्ताओं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के ड्राइवर की भी मौत हुई थी.

  4. ब्रेकिंग न्यूज़, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एम्स में भर्ती

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    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है.

    समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, 89 वर्षीय मनमोहन सिंह को बुखार था.

    अब उनकी सेहत स्थिर बताई जा रही है.

    कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया है, "संपूर्ण राष्ट्र हमारे प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अच्छे स्वास्थ्य और जल्द ठीक होने के लिए प्रार्थना करता है."

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  5. खाद्य तेल की कीमत में कमी लाने के लिए केंद्र ने उठाया बड़ा कदम

    सांकेतिक तस्वीर

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    केंद्र सरकार ने बुधवार को पाम, सोयाबीन और सूर्यमुखी के क्रूड वैराइटी पर बेसिक कस्टम ड्यूटी हटाने का फ़ैसला किया है. इसके साथ ही इन पर लगने वाला एग्री सेस (कृषि अधिभार) भी हटाने का फ़ैसला लिया गया है.

    सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (सीबीआईसी) की अधिसूचना के मुताबिक़, बेसिक कस्टम ड्यूटी और एग्री सेस पर ये निर्णय 14 अक्टूबर, 2021 से लागू होगा और 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी रहेगा.

    माना जा रहा है कि आने वाले त्योहार के मौसम को देखते हुए घरेलू बाज़ार में इस कदम से खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ेगी और उसकी कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी.

    क्रूड पाम ऑयल पर अब एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट सेस (एआईडीसी) 7.5 फ़ीसदी की दर से लगेगा जबकि क्रूड सोयाबीन और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर एआईडीसी 5 फ़ीसदी की दर से लागू रहेगा.

    कस्टम ड्यूटी में इस छूट के बाद क्रूड पाम पर प्रभावी आयात शुल्क 8.25 फ़ीसदी और सोयाबीन और सनफ़्लावर ऑयल पर 5.5 फ़ीसदी के दर से लागू रहेगा. इसके अलावा रिफाइंड सनफ्लावर, सोयाबीन, पामोलीन और पाम ऑयल पर कस्टम ड्यूटी मौजूदा 32.5 फ़ीसदी से कम करके 17.5 फ़ीसदी कर दी गई है.

  6. ब्रेकिंग न्यूज़, जम्मू और कश्मीर में एनआईए का सर्च ऑपरेशन, अब तक नौ संदिग्ध चरमपंथी गिरफ़्तार

    कश्मीर

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    जम्मू और कश्मीर टेररिज़्म कॉन्सिपेरसी केस की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की छापामारी में बुधवार को पांच और संदिग्ध चरमपंथियों को गिरफ़्तार किया गया.

    एनआईए की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि एजेंसी ने मोहम्मद हनीफ चिरालु (श्रीनगर), हफीज (बडगाम), ओवैस डार (पुलवामा), मतीन भट्ट (शोपियां) और आरिफ़ मक़बूल भट (श्रीनगर) को गिरफ़्तार किया.

    इससे पहले मंगलवार को जम्मू और कश्मीर में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने 16 जगहों पर तलाशी अभियान चलाकर चार संदिग्ध चरमपंथियों को गिरफ़्तार किया था.

    एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बुधवार को बताया कि नई दिल्ली समेत प्रमुख शहरों और केंद्र शासित प्रदेश में हमलों को अंज़ाम देने की कई चरमपंथी गुटों की साज़िश का एनआईए ने पर्दाफाश किया है.

    इस सिलसिले में एनआईए ने 10 अक्टूबर को केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है.

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    एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर, पुलवामा और शोपियां ज़िले में अलग-अलग जगहों पर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान चार अभियुक्त वसीम अहमद सोफ़ी, तारिक़ अहमद डार, बिलाल अहमद मीर उर्फ़ बिलाल फाफु और तारिक़ अहमद बफांदा को मंगलवार को गिरफ़्तार किया गया. ये सभी अभियुक्त श्रीनगर के रहने वाले थे.

    एनआईए का कहना है कि शुरुआती जांच से ये पता चला है कि गिरफ़्तार किए गए अभियुक्त विभिन्न प्रतिबंधित चरमपंथी संगठनों के लिए काम कर रहे थे, उन्हें मदद पहुंचा रहे थे.

    एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को चलाए गए तलाशी अभियान में कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जिहादी डॉक्युमेंट्स, संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़े कागज़ात ज़ब्त किए गए हैं.

    एनआईए का कहना है कि ये मामला जम्मू और कश्मीर और नई दिल्ली समेत अन्य प्रमुख शहरों में हिंसक चरमपंथी हमलों को अंजाम देने की साज़िश से जुड़ा है. इस साज़िश के पीछे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन, अल बद्र जैसे चरमपंथी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है.

  7. बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 13 अक्टूबर 2021

    ISI चीफ़ की बहाली पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख में खिंचाव.

    राजनाथ सिंह ने सावरकर के माफ़ीनामे को गांधी से जोड़ा.

    जानेंगे महात्मा गांधी ने इस मामले पर कहा क्या था.

    दुनियां जहान में बात़ चीन की अर्थव्यवस्था पर मंडराते संकट के बादलों की.

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  8. भूपेश बघेल बोले, अंग्रेज़ों के 'फूट डालो, राज करो' एजेंडे पर किया सावरकर ने काम

    भूपेश बघेल

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    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेज़ों से माफ़ी ही नहीं मांगी बल्कि उसके बाद जीवन भर उन्होंने अंग्रेज़ो का साथ दिया.

    बघेल ने कहा, "माफी मांगने के बाद सावरकर जीवन भर अंग्रेजों के साथ रहे और अंग्रेजों के 'फूट डालो-राज करो' के एजेंडे को आगे बढ़ाते रहे. हिंदुस्तान-पाकिस्तान दो राष्ट्र की मांग, सबसे पहले सावरकर ने रखी."

    मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि महात्मा गांधी ने सावरकर को दया याचिका लिखने की सलाह दी थी. उनके इस बयान के बाद इस विषय पर कई लोग अपनी टिप्पणियां कर रहे हैं.

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    इस कार्यक्रम में मौजूद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि स्वतंत्रता के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चली.

    कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा आगे कहा, "महात्मा गांधी उस समय वर्धा में थे और सावरकर सेल्युलर जेल में. इनका संपर्क कैसे हो सकता है? जेल में रहते हुए ही इन्होंने दया याचिका लिखी थी."

    पत्रकारों से बात करते हुए बघेल ने आगे कहा, "साल 1925 में जेल से बाहर आने के बाद, दो राष्ट्र की जो बात है, वो सबसे पहले सावरकर ने की. ये जो पाकिस्तान और हिंदुस्तान की बात है ये सावरकर ने 1925 में कही थी. तो देश के विभाजन की प्रस्तावना 1925 में सावरकर ने और उसके बाद 1937 में मुस्लिम लीग ने तैयार की. ये दोनों जो सांप्रदायिक ताक़तों ने देश के बंटवारे की पृष्ठभूमि का निर्माण किया."

  9. आईपीएल टीमों की नीलामी पर बीसीसीआई का नया एलान

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    बीसीसीआई ने आईपीएल टीमों की नीलामी के लिए टेंडर की प्रक्रिया में भाग लेने की आख़िरी तारीख़ बढ़ा दी है.

    इस घोषणा के बाद इंडियन प्रीमियर लीग की टीमों की खरीददारी और उन्हें चलाने के लिए नए भागीदार नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे.

    बीसीसीआई की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने 31 अगस्त, 2021 को टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने का एलान किया था.

    बाद में टेंडर डॉक्युमेंट खरीदने की आख़िरी तारीख़ बढ़ाकर 10 अक्टूबर, 2021 कर दी गई थी.

    लेकिन कई इच्छुक पार्टियों की ओर से दिलचस्पी दिखाए जाने के बाद बीसीसीआई ने अब ये घोषणा की है कि 'इनविटेशन टु टेंडर' डॉक्युमेंट खरीदने की आख़िरी तारीख़ बढ़ाकर 20 अक्टूबर, 2021 कर दी गई है.

    नन रिफंडेबल 10 लाख रुपये की रकम अदाकर कोई भी पार्टी अब आईटीटी डॉक्युमेंट खरीद सकेगी. बीसीसीआई ने ये भी स्पष्ट किया है कि नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने की बाक़ी शर्तें पहले की तरह ही रहेंगी.

  10. टी-20 वर्ल्ड कप: टीम इंडिया में शार्दुल ठाकुर को मिली जगह, अक्षर पटेल हुए बाहर

    शर्दुल ठाकुर

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    शार्दुल ठाकुर को टी 20 वर्ल्ड कप के लिए भारत की टीम में अक्षर पटेल की जगह चुना गया है.

    बीसीसीआई की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ऑल इंडिया सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने टीम प्रबंधन के साथ चर्चा के बाद मेन स्क्वैड में शर्दुल ठाकुर का नाम जोड़ा है.

    ऑल राउंडर अक्षर पटेल जो पहले 15 सदस्यी स्क्वैड का हिस्सा थे, अब उन्हें रिजर्व खिलाड़ियों की लिस्ट में रखा गया है.

    आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की टीम में विराट कोहली (कैप्टन), रोहित शर्मा (वाइस कैप्टन), केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत (विकेट कीपर), ईशान किशन, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, राहुल चाहर, रवीचंद्रन अश्विन, शर्दुल ठाकुर, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी होंगे.

    रिजर्व खिलाड़ियों में श्रेयश अय्यर, दीपक चाहर और अक्षर पटेल को रखा गया है.

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  11. वेंकैया नायडू की अरुणाचल यात्रा से चीन को ऐतराज़, भारत का दो टूक जवाब

    वैंकेया नायुडू

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    चीन ने कहा है कि वो भारत के उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के हालिया अरुणाचल दौरे का विरोध करता है.

    चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ज़ाओ लिजियान ने बुधवार को कहा, “चीन अवैध रूप से गठित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता और भारत के उप राष्ट्रपति वेकैंया नायुडू के उस क्षेत्र में दौरे का मज़बूती से विरोध करता है.”

    बयान में कहा गया है, "हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता की आज की गई टिप्पणियों को देखा है. हम ऐसी टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं. अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. जैसे वे भारत के किसी अन्य राज्य की यात्रा करते हैं, वैसे ही भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश राज्य की यात्रा करते हैं. भारतीय नेताओं की भारत के एक राज्य की यात्रा पर आपत्ति करना, भारतीय लोगों के तर्क और समझ से परे है.”

    भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीनी दावों को हमेशा ख़ारिज किया है और कहा है कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न और अविभाज्य अंग है.

    विदेश मंत्रालय का बयान

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    लद्दाख में सीमा विवाद

    चीनी प्रवक्ता ने ये भी कहा कि दोनों देशों के बीच मौजूदा सीमा विवाद को और पेचीदा बनाने से बचना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच संबंध सुधरें. प्रवक्ता ने कहा कि भारत को चीन की चिंताओं की कद्र करनी चाहिए और क्षेत्र में शांति एंव स्थिरता लाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

    भारत ने इस पर भी चीनी प्रवक्ता का जवाब दिया है.

    भारतीय विदेश विभाग ने वर्तमान वार्ताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं, भारत-चीन की पश्चिमी सरहद पर मौजूदा हालात, चीन द्वारा द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन में यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों के कारण हुई है.”

    भारत ने उम्मीद जताई कि चीन आपसी संबंधों में ‘असंबंधित मुद्दों को जोड़ने की कोशिश करने के बजाय द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ बाक़ी मुद्दों के तुरंत समाधान की दिशा में काम करेगा.”

    हाल के दिनों में भारत और चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए 13 बार आधिकारिक मुलाक़ात कर चुके हैं.

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  12. फिर बढ़ रहे हैं टमाटर और प्याज के दाम, क्या है वजह?

    टमाटर

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    कर्नाटक और महाराष्ट्र में भारी बारिश, ईंधन के बढ़ते दामों की वजह टमाटर और प्याज के दाम एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गए हैं. दिल्ली के थोक बाज़ार में सब्ज़ियां 10 से 15 रुपए तक मंहगी हो गई हैं.

    दिल्ली की बड़ी मंडियों के सब्जी व्यापारियों ने संकेत दिया कि अगर इसी तरह की स्थिति बनी रही तो आने वाले हफ्तों में ये सब्ज़ियां और भी मंहगी हो सकती हैं.

    दिल्ली के लक्ष्मी नगर के सब्जी व्यापारी रमेश साहू ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि टमाटर और प्याज के भाव में तेजी आई है.

    उन्होंने कहा, "अब, टमाटर की कीमत 50 रुपये से 55 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, जबकि पहले यह लगभग 40 रुपये प्रति किलो हुआ करती थी. इसी तरह, प्याज की कीमतें भी बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो है के आस-पास हैं.”

    उन्होंने कहा कि थोक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है.

    टमाटर

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    दिल्ली की गाज़ीपुर मंडी में थोक सब्जी एवं फल बाजार के अध्यक्ष एसपी गुप्ता ने कहा कि आपूर्ति में कमी की वजह से प्याज और टमाटर जैसी मुख्य सब्जियों के थोक भाव करीब 10-15 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं.

    उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सबसे ज्यादा प्याज और टमाटर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से आते हैं.

    उन्होंने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण प्याज और टमाटर की फसल खराब हो गई है जिसके कारण सप्लाई प्रभावित हुई है.

  13. केंद्र सरकार ने फिर दिलाया भरोसा, कोयले का कोई संकट नहीं पैदा होगा

    कोयले की खदान

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    कोयले से चलने वाले पावर प्लांट में कोल स्टॉक की कमी के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को भरोसा दिलाया है कि बिजली पैदा करने के लिए कोयले की आपूर्ति पूरी करने में कोई संकट नहीं आने वाली है.

    समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एयरपोर्ट पर प्रह्लाद जोशी ने मीडिया को बताया कि वे साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के गेवरा, दिपका, कुसुमुंडा माइंस के कोयला भंडार का जायजा लेने कोरबा जा रहे हैं.

    वहां उनकी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी है.

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    पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस कोयले की किल्लत का दावा करके मामले को बढ़ा रही है तो उन्होंने जवाब दिया, "मैं इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहता हूं. हम अपनी सभी ज़रूरत को पहले से ही पूरा कर रहे हैं. आज बिजली पैदा करने के लिए 11 लाख टन कोयले की ज़रूरत है और हम 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति पहले ही कर चुके हैं. इसकी वजह से कोयले का स्टॉक बढ़ ही रहा है. मैं भरोसा दिलाता हूं कि देश में बिजली पैदा करने के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होने वाली है."

    कोयले की मांग पर उन्होंने कहा, "जहां तक ज़रूरत की बात है तो ऊर्जा मंत्रालय ने 19 लाख टन कोयले की मांग पावर प्लांट्स के लिए रखी है और कहा है कि 20 अक्टूबर के बाद उन्हें 20 लाख टन कोयले की ज़रूरत पड़ेगी. केवल आज के दिन हमने 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की है और बाक़ी चीज़ों पर हम माइंस का जायजा लेने के बाद चर्चा करेंगे."

  14. कर्नाटक: बागलकोट में मामूली बात पर झगड़े में दस गिरफ़्तार, पुलिस ने कहा मामला सांप्रदायिक नहीं,

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    कर्नाटक के बागलकोट ज़िले में दो स्कूली छात्रों के बीच एक मामूली-सी बात को लेकर मारपीट करने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

    पुलिस के अनुसार, उत्तरी कर्नाटक में हैंडलूम साड़ियों के लिए प्रसिद्ध शहर इलकल में एक प्राइवेट ट्यूशन में एक लड़के ने दूसरे सहपाठी का मज़ाक उड़ाया. दूसरे लड़के ने इसकी शिकायत अपने घर पर किसी बड़े से की, जिसने छेड़ने वाले लड़के को थप्पड़ मार दिया.

    उसके बाद दोनों तरफ़ के लोग इस झगड़े में शामिल हो गए और गर्मागर्म बहस भी हुई. इसके बाद जिस लड़के का मज़ाक उड़ाया गया था, उसके बड़े भाई ने इस मामले की पुलिस में शिकायत कर दी. इस शिकायत पर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया.

    इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करवा दी.

    बागलकोट के एसपी लोकेश बी जगलसर ने बीबीसी हिंदी को बताया, "दरअसल, चार लोगों में झगड़ा हुआ, जिसे सांप्रदायिक झड़प बताया जा रहा है. जो कुछ सोशल मीडिया पर चल रहा है उससे उलट, दोनों पक्ष मेरे दफ़्तर के बाहर बैठे. और वे मुझसे मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं. अब वो बहकावे में आने की बात करते हुए कह रहे हैं कि अब ये झगड़ा वे आपस में ही सुलझाना चाहते हैं. हमने दस लोगों को गिरफ़्तार किया है और जल्द ही कुछ और भी गिरफ़्तार किए जा सकते हैं."

  15. लखीमपुर खीरी: यूपी के क़ानून मंत्री 10 दिन बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार से मिलने पहुंचे,

    उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक लखीमपुर खीरी पहुंचे

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    लखीमपुर खीरी की घटना के 10 दिन बाद बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक लखीमपुर खीरी पहुंचे.

    पाठक तीन अक्टूबर की घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के मृत ड्राइवर हरि ओम और बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्र के घर गए.

    शुभम मिश्र के पिता विजय मिश्र ने इस मुलाकात के बारे में बताया, "हमें आश्वासन दिया है कि साथ खड़े हैं. अगर कोई ज़रूरत हो तो हमें बताइएगा. सुरक्षा के लिए हमें एक लाइसेंसी शस्त्र की व्यवस्था करवा देंगे. हमने बताया कि हमारी प्राइवेट नौकरी थी और हमने छोड़ दी है तो मंत्री जी ने कहा की हम आपके लिए कुछ सहायता करेंगे, शुभम की पत्नी को नौकरी देने की बात भी कह गए हैं."

    इन परिवारों को पहले ही राज्य सरकार की ओर से 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल चुकी है.

    ब्रजेश पाठक योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं और पार्टी के कद्दावर ब्राह्मण चेहरा हैं. वह पार्टी के पहले बड़े नेता हैं जो हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार से मिले हैं.

    अभी तक पार्टी का कोई भी बड़ा पदाधिकारी इन परिवार वालों से मिलने लखीमपुर नहीं पहुंचा था.

    इन मुलाकातों से पहले बृजेश पाठक ने लखीमपुर खीरी भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की लेकिन इस दौरान मामले की एसआईटी जांच से जुड़े सवालों पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया.

    इससे पहले शनिवार यानी नौ अक्तूबर की शाम को शुभम मिश्रा के परिवार वालों ने लखीमपुर के शिवपुरी इलाके में एक कैंडल मार्च जुलूस निकाला था और पुलिस करवाई की मांग की थी.

    परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि अब तक पुलिस एकतरफ़ा कार्रवाई कर रही है और उनके परिवार को भी न्याय और इंसाफ़ चाहिए, जिसके बाद भाजपा के नेताओं पर इन परिवार वालों से मिलने का दबाव बढ़ गया था.

  16. राष्ट्रपति से मिले कांग्रेस नेता, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग

    कांग्रेस नेता

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    लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला.

    कांग्रेस ने राष्ट्रपति को एक पत्र सौंपा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की.

    राष्ट्रपति से मुलाक़ात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "हमने राष्ट्रपति जी को बताया कि अभियुक्त के पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं और उनके उस पोस्ट पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. साथ ही हमने सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के दो मौजूदा जजों से मामले की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की भी मांग की है."

    प्रियंका गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे आज ही इस विषय में सरकार से बात करेंगे.

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    क्या है मामला

    तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर हत्या का मुकद्दमा चल रहा है और वो इस वक्त पुलिस कस्टडी में हैं.

    आरोप है कि मंत्री के काफ़िले की गाड़ियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ़प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया. इनमें से एक गाड़ी में आशीष मिश्रा मौजूद थे. हालांकि अजय मिश्रा टेनी अपने बेटे के घटनास्थल पर मौजूद होने के आरोपों से इंकार करते हैं.

    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ़े की मांग कर रही हैं.

    इससे पहलेलखीमपुर खीरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने यूपी सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जबतक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रखे जाएं.

    कोर्ट ने कहा था कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में यूपी सरकार की तरफ़ से उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है.

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  17. निर्मला सीतारमण - दस फ़ीसदी के आस-पास रहेगी इस साल की विकास दर

    निर्मला सीतारमण

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    केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस वर्ष भारत की आर्थिक वृद्धि दर दस प्रतिशत के करीब रहने वाली है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.

    निर्मला सीतारमण अमेरिका के दौरे पर हैं और उन्होंने ये बातें हार्वर्ड केनेडी स्कूल में कही हैं.

    वित्त मंत्री ने कहा कि अगले साल आर्थिक विकास 7.5-8.5 प्रतिशत के बीच रहेगा. और आगामी दशक में यही रफ़्तार क़ायम रहेगी.

    उन्होंने कहा, 'जहां तक ​​भारत की आर्थिक वृद्धि दर का सवाल है, हम इसे इस साल डबल डिजिट के करीब देख रहे हैं और यह दर दुनिया में सबसे ज्यादा होगी. अगले साल ये विकास दर निश्चित रूप से कहीं न कहीं आठ प्रतिशत के आस-पास रहेगी. ”

    उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने अभी तक विकास दर के बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया है, लेकिन वर्ल्ड बैंक आईएमएफ और रेटिंग एजेंसियां, ​​​​सभी ने भारत के लिए ऐसे ही वृद्धि दर का आकलन किया है.

    वित्त मंत्री ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अगले दशक तक ये वृद्धि दर 7.5 से 8.5 फ़ीसदी के बीच रहेगी. इस की वजह यह है कि मुख्य उद्योगों और सर्विस सेक्टर का विस्तार हो रहा है. मेरे पास भारत की ग्रोथ रेट को इससे कम आंकने की कोई वजह नहीं है.”

    कोरोना महामारी की वजह से भारत की आर्थिक प्रगति बाधित हुई है और देश में बेरोज़गारी बढ़ी है लेकिन अब अनुमान लगाया जा रहा है कि अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट रही है.

  18. चीन में बढ़ती मंहगाई का असर, सोया सॉस बनाने वाली कंपनी ने मंहगे किए प्रोडक्ट

    चीन

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    सोया सॉस बनाने वाली चीन की सबसे बड़ी कंपनी ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ा दिए हैं,इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था पर मुद्रास्फ़ीति का दबाव किस क़दर बढ़ गया है.

    फ़ोशान हाइतियन फ़्लेवरिंग एंड फ़ूंड कंपनी ने कहा है कि वह अपने उत्पादों के दाम इस महीने के आख़िर तक सात फ़ीसदी तक बढ़ाने वाली है. कंपनी ने मटीरियल के मंहगे दाम,मंहगे ट्रांसपोर्ट और मंहगी बिजली को इस फ़ैसले की वजह बताया है.

    जैसे-जैसे दुनिया महामारी के प्रकोप से उबर रही है,मूलभूत ज़रूरतों वाले उत्पादों की क़ीमत बढ़ती जा रही है.

    कंपनी ने शंघाई स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया है कि ये बढ़ी हुई क़ीमतें सोया सॉस,ऑएस्टर सॉस और अन्य तरह के सॉस पर 25 अक्टूबर से लागू होंगी.

    कंपनी का कहना है कि उत्पादों की क़ीमत में बढ़ोतरी का मक़सद बढ़ती लागत को देखते हुए अपने कारोबार को अधिक'टिकाऊ'बनाना है.

    सोया और ऑएस्टर सॉस के अलावा,फ़ोशान हाइतियन सिरका,चिकन स्टॉक,मोनोसोडियम ग्लूटोमेट और तेल सहित अन्य उत्पाद बनाती और उनका वितरण करती है.

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    चीन

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    चीन में बढ़ती मंहगाई और बिजली संकट

    हाल के हफ़्तों में,चीन में बिजली की क़ीमत में वृद्धि देखी गई है. बिजली की बढ़ती मांग को लेकर आपूर्तिकर्ता संधर्ष कर रहे हैं और बिजली कटौती ने देश के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया है.

    चीन की बड़ी कोयला खादानों के इलाकों में बाढ़ के कारण देश के पावर प्लांट में इस्तेमाल होने वाले कोयले के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

    जुलाई के महीने में हेनान खादान के क्षेत्र में बाढ़ आने के बाद अब देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक प्रांत शांक्सी में हाल के दिनों में भारी बारिश हुई है.

    इससे मंगलवार को जेंजो कमोडिटी एक्सचेंज पर थर्मल कोयले की कीमत 8% तक बढ़ गई

  19. अफ़ग़ानिस्तान के संकट पर G20 की बैठक में क्या हुआ?

    अफ़ग़ानिस्तान

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    दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वालेG-20 समूह के सदस्यों ने अफ़ग़ानिस्तान को आर्थिक तबाही से बचाने का संकल्प लिया है.

    जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा कि देश को "अराजकता में नहीं ढकेल" सकते.

    ये वर्चुअल शिखर सम्मेलन तब किया गया जब संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के नेताओं से अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था में अरबों रुपये की मदद करने की अपील की.

    लेकिन अभी तक वहां पहुंचने वाली वित्तीय मदद करोड़ों में ही है. ये मदद अफ़ग़ानिस्तान में आपातकालीन सुविधाएं और दवाएं मुहैया कराए जाने के लिए है.

    यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन देर लियेन ने इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान और अफ़ग़ान लोगों को शरण देने वाले उसके पड़ोसी मुल्क़ों को1 बिलियन यूरो की मदद देने का वादा किया.

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    जर्मनी की चांलसर मर्केल ने 600 मिलियन यूरो की मदद देने की बात कही है. बीते महीने जर्मनी में हुए चुनाव में हिस्सा ना लेने वाली मर्केल नई सरकार के बनते ही अपना पद छोड़ देंगी.

    उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा-‘’अगर अफ़ग़ानिस्तान का वित्तीय सिस्टम ढह जाएगा तो इससे हमें कुछ भी हासिल नहीं होगा.’’

    उन्होंने कहा कि तालिबान को मानवीय सहायता देने वाली सभी संयुक्त राष्ट्र की टीमों को अपने देश में काम करने देना चाहिए. उन्होंने बच्चियों और महिलाओं के अधिकारों और उन्हें सम्मान दिए जाने की बात पर ज़ोर दिया.

    अफ़ग़ानिस्तान इस वक़्त बड़े वित्तीय संकट से जूझ रहा है. देश में मंहगाई आसमान छू रही है और लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.लगभग दो महीने पहले सत्ता में आया तालिबान भी दुनियाभर के देशों से मान्यता पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है.

  20. इराक़: शिया धार्मिक नेता सद्र ने किया जीत का दावा, कहा- विदेशी दख़ल से मुक्त होगी सरकार

    इराक़ चुनाव

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    शिया धार्मिक नेता मुक़्तदा अल-सद्र ने इराक़ के संसदीय चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का दावा किया है.

    इराक़ के आंतरिक मामलों में अमेरिका और ईरान के हस्तक्षेप की हमेशा खिलाफ़त करने वाले सद्र ने वादा किया है कि उनकी सरकार विदेशी दख़ल से मुक्त होगी.

    अब तक के आए नतीज़ों के मुताबिक़ सद्र की पार्टी को 329 में से 73 सीटें मिल रही हैं.

    वहीं, सुन्नी प्रवक्ता मोहम्मद अल-हालबोउसी का तक़द्दम गठबंधन 38 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है.

    ईरान समर्थित फ़तेह गठबंधन को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है और उसे महज़ 14 सीटों पर जीत मिल पाई है.

    माना जा रहा है कि सरकार बनाने के लिए गठबंधन तैयार करने में हफ़्तों का समय लग सकता है और सद्र इसके नेता नहीं बन सकेंगे क्योंकि उन्होंने ख़ुद चुनाव नहीं लड़ा था.

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    चुनाव में सिर्फ़ 41% मतदान

    इस बार के चुनाव में महज 41% लोगों ने मतदान किया जो ये दिखाता है कि बड़ी संख्या में इराक़ी लोग मानते हैं कि सत्ता में परिवर्तन से ज़्यादा कुछ नहीं बदलेगा.

    साल 2003 में अमेरिकी हमले के बाद से ही इराक़ में सांप्रदायिक और जातीय पहचान पर आधारित सत्ता के साझेदारी की प्रणाली शुरू हुई.

    इससे एक छोटे अभिजात्य वर्ग की सत्ता पर एक मजबूत पकड़ बनी और भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया गया.

    साल 2019 में भ्रष्टाचार,बेरोज़गारी और अराजकता के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के बाद ये पहले आम चुनाव हैं.

    ये चुनाव अगले साल होने थे लेकिन देश में बढ़ते प्रदर्शनों को देखते हुए इसे तय वक़्त से छह महीने पहले ही कराया गया था. इन प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए थे.